
केंद्र सरकार ने ग्रामीण सहकारी बैंकों को आधुनिक और प्रौद्योगिकी आधारित बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘सहकार सारथी’ की स्थापना की है। यह पहल भारतीय रिज़र्व बैंक की मंजूरी के बाद शुरू की गई है।
सहकार सारथी की अधिकृत पूंजी 1,000 करोड़ रुपये है, जिसमें नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और ग्रामीण सहकारी बैंकों की 33.33-33.33 प्रतिशत की समान हिस्सेदारी है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सहकार सारथी ग्रामीण सहकारी बैंकों को साझा तकनीकी अवसंरचना और डिजिटल सेवाएं प्रदान करेगा।
इन सेवाओं में आधुनिक कोर बैंकिंग समाधान, यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा और आईटी गवर्नेंस सहायता, डोमेन माइग्रेशन, मानक संचालन प्रक्रियाएं तथा प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
इस पहल का उद्देश्य सहकारी बैंकों की कार्यक्षमता में सुधार करना, डिजिटल पहुंच का विस्तार करना और उन्हें अन्य विनियमित बैंकिंग संस्थानों के समकक्ष लाना है।



