
गोवा की जानी-मानी वीपीके अर्बन मल्टीपरपज़ कोऑपरेटिव सोसाइटी (वीपीके) ने राज्य के सहकारिता क्षेत्र में एक अनुकरणीय सफलता की कहानी लिखी है। 30 जून 1993 को मात्र 304 प्रवर्तक सदस्यों और 1.10 लाख रुपये की मामूली शेयर पूंजी से स्थापित यह संस्था आज 1.26 लाख से अधिक सदस्यों के साथ एक आधुनिक, तकनीक-संचालित सहकारी संस्था के रूप में विकसित हो चुकी है।
हालाँकि वीपीके की यात्रा चुनौतियों से अछूती नहीं रही, लेकिन संस्था ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। नोटबंदी और कोविड-19 महामारी के दौरान संस्था को 38.01 करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अनुशासित वित्तीय प्रबंधन और सुदृढ़ गवर्नेंस की बदौलत संस्था ने जबरदस्त वापसी की और अगले वर्षों में क्रमशः 5.12 करोड़, 20.40 करोड़ और 31.62 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया। इसे गोवा के सहकारी इतिहास के सबसे उल्लेखनीय टर्नअराउंड में से एक माना जा रहा है।
वित्त वर्ष 2023–24 में वीपीके ने 31.62 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, 38.14 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी दर्ज की और 1,18,882 सदस्यों को 533 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। यह प्रगति अगले वर्ष भी जारी रही। वित्त वर्ष 2024–25 में संस्था का शुद्ध लाभ 28.03 करोड़ रुपये रहा, शेयर पूंजी बढ़कर 42.69 करोड़ रुपये हो गई और ऋण वितरण बढ़कर 627.58 करोड़ रुपये पहुँच गया। साथ ही सदस्यता संख्या बढ़कर 1,26,344 हो गई, जो संस्था पर जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
संस्था के चेयरमैन दुर्गादास गौड़ ने वीपीके को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में संस्था न केवल वित्तीय संकटों से उबरी बल्कि इसे नाबार्ड के प्रकाशन ‘सहकार से समृद्धि – गोवा की प्रेरक कहानियाँ’ में भी सम्मानजनक स्थान मिला।
वीपीके को शासन, नवाचार और पारदर्शिता के लिए कई महत्वपूर्ण सम्मान प्राप्त हुए हैं। हाल ही में अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह समारोह के दौरान वीपीके को सर्वश्रेष्ठ संस्था (2024–25) का पुरस्कार गोवा के सहकार मंत्री सुभाष शिरोडकर द्वारा प्रदान किया गया।
संस्था ने सेंट्रलाइज्ड कोर बैंकिंग और उन्नत मोबाइल ऐप जैसी अत्याधुनिक तकनीकी सेवाएँ शुरू की हैं, और जल्द ही ई-नाच सुविधा भी लागू करने जा रही है। वीपीके आने वाले वर्षों में अपनी शाखाओं की संख्या 50 तक बढ़ाने तथा इको-टूरिज़्म, बीमा और गैस वितरण जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश करने की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है।
आज वीपीके न केवल वित्तीय रूप से सुदृढ़ संस्था है, बल्कि समाजसेवा, पारदर्शिता और नवाचार के साथ गोवा के सहकारी क्षेत्र में एक प्रेरक उदाहरण बनकर उभरी है। कभी भारी नुकसान झेलने वाली यह संस्था अब लगातार लाभ अर्जित कर रही है और सहकारिता की शक्ति तथा दूरदर्शी नेतृत्व का सशक्त प्रतीक बन चुकी है।



