
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के रोहतक में साबर डेयरी के अत्याधुनिक संयंत्र का लोकार्पण किया। लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्लांट को देश का सबसे बड़ा दही, छाछ और योगर्ट बनाने वाला संयंत्र बताया गया है। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित कई लोग उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की दशकों पुरानी मांग को पूरा करते हुए अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जिससे देश में सहकारी आंदोलन को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि “पिछले चार वर्षों में सभी राज्यों के सहयोग से सहकारिता की नींव को मजबूत किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि 2029 तक देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति स्थापित हो।”
अमित शाह ने बताया कि साबर डेयरी प्लांट में प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और 10 हजार किलो मिठाई का उत्पादन होगा। इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की दुग्ध आवश्यकताएं हरियाणा से पूरी होंगी।
उन्होंने कहा कि साबर डेयरी ने गुजरात के साबरकांठा से शुरुआत कर अब नौ राज्यों के दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाया है। गुजरात की डेयरी सहकारिता का उदाहरण देते हुए शाह ने कहा, “आज गुजरात की 35 लाख महिलाएं अमूल जैसी सहकारी डेयरियों के माध्यम से सालाना 85 हजार करोड़ रुपये का व्यापार कर रही हैं।”
शाह ने डेयरी क्षेत्र की प्रगति पर आंकड़े साझा करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत का डेयरी सेक्टर 70 प्रतिशत बढ़ा है। दूध देने वाले पशुओं की संख्या 86 मिलियन से बढ़कर 112 मिलियन हो गई है, जबकि दुग्ध उत्पादन 146 मिलियन टन से बढ़कर 239 मिलियन टन तक पहुंच गया है। देसी गायों के दूध का उत्पादन भी 29 से बढ़कर 50 मिलियन टन हो गया है।
उन्होंने बताया कि देश के लगभग 8 करोड़ किसान डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 124 ग्राम से बढ़कर 471 ग्राम तक पहुंच गई है।
अमित शाह ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत 75 हजार नई डेयरी समितियों की स्थापना और 46 हजार मौजूदा समितियों को मज़बूत करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत की दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 660 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 2028-29 तक 1000 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने के लिए तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियों की स्थापना की है, पशु आहार उत्पादन, गोबर प्रबंधन और मृत पशुओं के अवशेषों के सर्कुलर इकोनॉमी में उपयोग के लिए। साथ ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड और राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसे कदमों से पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में ठोस काम हुआ है।
शाह ने कहा कि भारत अब डेयरी संयंत्र निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और सरकार रिसर्च एवं डेवलपमेंट को तीन गुना गति से बढ़ाकर इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर रही है।