ताजा खबरेंविशेष

ग्रामीण भारत में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा सहकारी बैंकों का आधार-सक्षम नेटवर्क

नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम भुगतान सेवाओं से जोड़ने हेतु भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा प्रस्तुत संशोधित ढांचे पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यशाला में यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश कुमार, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष शाजी के. वी., तथा सहकारिता मंत्रालय, यूआईडीएआई, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

इस अवसर पर देशभर के सभी 34 राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी) और 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) के प्रतिनिधियों सहित 500 से अधिक प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

डॉ. भूटानी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तुत “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के गतिशील नेतृत्व में साकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल से सहकारी बैंक और अधिक सक्षम, आधुनिक और सशक्त बन सकेंगे तथा ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में वित्तीय समावेशन की पहुँच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

इस अवसर पर यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश कुमार ने कहा कि संशोधित ढांचा सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम प्रमाणीकरण और ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक ग्राहक पहचान) सेवाओं को अपनाने में अत्यधिक सहूलियत प्रदान करेगा। वहीं नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी के. वी. ने आश्वासन दिया कि नाबार्ड इस ढांचे को सफलतापूर्वक लागू करने में पूर्ण सहयोग देगा, ताकि सहकारी बैंकों के सदस्यों तक अधिक लाभ पहुँचाया जा सके।

अब तक प्राविधिक आवश्यकताओं और लागत से जुड़ी चुनौतियों के कारण सहकारी बैंक आधार प्रमाणीकरण के दायरे से बाहर थे। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए यूआईडीएआई, सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड, एनपीसीआई और सहकारी बैंकों के बीच व्यापक परामर्श कर एक नया सरल ढांचा तैयार किया गया है, जो अंतिम छोर तक बैंकिंग और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा।

इस ढांचे के अंतर्गत सभी 34 राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी) और 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) सम्मिलित होंगे। संशोधित प्रणाली में केवल राज्य सहकारी बैंकों को ही यूआईडीएआई में औथेंटिक यूजर एजेंसी (एयूए) और ई-केवाईसी उपयोगकर्ता एजेंसी (केयूए) के रूप में पंजीकृत किया जाएगा।

इसके माध्यम से जिला केंद्रीय सहकारी बैंक अपने-अपने राज्य सहकारी बैंकों की आधार प्रमाणीकरण प्रणाली और आईटी अवसंरचना का सहज उपयोग कर पाएंगे।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close