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राज्यपाल और मुख्यमंत्री हुए आईवाईसी सम्मेलन-2025 में शामिल

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में राजभवन में ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड और उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके माध्यम से बीज उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में नई संभावनाएँ विकसित होंगी और राज्य के सहकारी समितियों व किसानों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा।

कार्यक्रम के दौरान एक और समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति और उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ के बीच हुआ, जो राज्य के कृषि उत्पादकों, सहकारी समितियों और किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में सहायक होगा।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक की नई ऋण नीति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति-आवासीय गृह ऋण नीति की भी शुरुआत की। कार्यक्रम में जसपुर की फीकापार एमपैक्स को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया, वहीं जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मुख्य शाखा देहरादून को भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सामूहिक प्रयासों का आंदोलन है। उन्होंने सहकारिता को भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि यह सामाजिक-आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक क्रांति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता मानव समाज का सबसे पुराना और मूल्यवान सिद्धांत है। सहकारिता का उद्देश्य स्पर्धा नहीं बल्कि आपसी सहयोग के माध्यम से समाज को स्वावलंबी और सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सभी 671 बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूर्ण हो चुका है और 3838 समितियों का डेटा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपलोड किया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि फरवरी 2023 से अब तक राज्य में 800 पैक्स, 248 नई डेयरी समितियाँ और 116 मत्स्य समितियाँ गठित की गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों को 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जमापूंजी है और 1 लाख 63 हजार से अधिक महिलाओं ने ‘लखपति दीदी’ बनकर महिला सशक्तिकरण में नया इतिहास रचा है।

कार्यक्रम में निदेशक सहकारिता (केंद्र सरकार) कपिल मीणा, सचिव सहकारिता डॉ. बी.वी.आर. सी पुरुषोत्तम, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर निबंधक श्रीमती ईरा उप्रेती एवं मंगला प्रसाद त्रिपाठी, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल समेत सहकारिता विभाग एवं सहकारी बैंकों के अधिकारी और विभिन्न जिलों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही।

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