
महाराष्ट्र स्थित नासिक मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (नमको बैंक) एक ऐतिहासिक परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। बैंक ने स्वयं को स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। दशकों से सहकारी ढांचे के तहत काम करने वाला यह बैंक अब कंपनियों अधिनियम के तहत कार्य करने की दिशा में अग्रसर है।
बैंक के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे 20 सितंबर को होने वाली वार्षिक आमसभा (एजीएम) में सदस्यों के सामने रखा जाएगा। सदस्यीय स्वीकृति मिलना लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती होगी केंद्रीय रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस) से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हासिल करना। बता दें कि कई सहकारी बैंकों के प्रस्ताव इसी स्तर पर वर्षों से लंबित हैं।
बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नमको बैंक वित्तीय रूप से मज़बूत है। वित्त वर्ष 2024–25 में बैंक का कारोबार 3,761.24 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 537 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं बैंक ने 41.80 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। बैंक का सकल एनपीए 4.40% और शुद्ध एनपीए शून्य दर्ज किया गया।
अधिकारी के अनुसार, कंपनियों अधिनियम के तहत संचालन से बैंक को अधिक लचीलापन और जवाबदेही मिलेगी। निदेशकों का चयन कंपनी कानून के अनुसार होगा और अनियमितताओं की जिम्मेदारी व्यक्तियों पर होगी, न कि पूरे बोर्ड पर।
हालांकि, इस परिवर्तन को लेकर बैंक से जुड़े कई सदस्य आलोचना भी कर रहे हैं। कुछ पूर्व निदेशकों और सदस्यों का आरोप है कि यह कदम हाल ही में लागू हुई सहकारी नियमावली, खासतौर पर बोर्ड के कार्यकाल की 10 साल की सीमा, से बचने के लिए उठाया जा रहा है। लेकिन बैंक प्रबंधन का कहना है कि यह बदलाव संस्था को और मज़बूत करेगा, पहुंच बढ़ाएगा और सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाएगा।
यदि प्रस्ताव पास होता है तो नमको बैंक किसानों को अधिक ऋण सुविधा दे सकेगा, सरकारी विभागों और सहकारी बैंकों से जमा स्वीकार कर सकेगा और अपने शेयरधारकों को ज्यादा वित्तीय लाभ दे सकेगा। अधिकारियों के अनुसार, नासिक ज़िले में फिलहाल केवल नमको बैंक ही आरबीआई की एसएफबी में रूपांतरण की सभी शर्तें पूरी करता है।
वहीं वार्षिक आमसभा में कई अहम प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा, जिनमें अन्य सहकारी बैंकों के विलय पर बोर्ड को अधिकार देना, नमको को स्मॉल फाइनेंस बैंक में बदलने की स्वीकृति और नए पब्लिक लिमिटेड कंपनी की स्थापना के लिए प्रमोटरों की सूची को अंतिम रूप देना शामिल है।