
सहकारी चुनाव प्राधिकरण ने सोमवार को नई दिल्ली में राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के साथ अपनी पहली परामर्शदात्री बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य स्तरीय सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के साथ संवाद का एक प्रभावी तंत्र विकसित करना था, ताकि सहकारी संस्थाओं में चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके।
बैठक की अध्यक्षता सहकारी चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने की, जिसमें ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्ट्र के राज्य चुनाव आयुक्तों सहित सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आनंद कुमार झा, सीईए के उपाध्यक्ष आर. के. गुप्ता और सहकारिता लोकपाल आलोक अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिनमें सहकारी चुनाव प्राधिकरण की स्थापना भी शामिल है। मार्च 2024 से अब तक 159 सहकारी चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं और आगामी समय में 69 और चुनाव आयोजित किए जाने हैं।
बैठक में सहकारी चुनावों को और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए मानक नियमावली और आचार संहिता तैयार करने, उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित करने, निर्वाचन अधिकारियों के लिए पुस्तिका प्रकाशित करने, तथा बहु-राज्य सहकारी समितियों के चुनाव में सुधार हेतु विभिन्न प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग की शुरुआत के प्रस्ताव को भी शामिल किया गया।
देवेंद्र कुमार सिंह ने सदस्यों की शेयर पूंजी, प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह और चुनाव में अमिट स्याही के प्रयोग जैसे मुद्दों पर राज्यों से सुझाव आमंत्रित किए। सहकारी चुनाव प्राधिकरण ने आगे सुधार प्रक्रिया को निरंतर बनाए रखने के लिए हर तीन महीने में परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया।
बैठक में ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और तेलंगाना के राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने सहकारी चुनावों के प्रभावी संचालन के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।