
नाबार्ड के राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय ने पिछले सप्ताह “समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना” थीम पर अपना 44वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच और एसएलबीसी के महाप्रबंधक एम. अनिल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
डॉ. सिवाच ने नाबार्ड की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में राजस्थान में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए 22,400 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिसमें 17,405 करोड़ रुपये की पुनर्वित्त सहायता शामिल थी।
इस अवसर पर नाबार्ड और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच ग्रामीण ऋण वितरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
एसएलबीसी संयोजक ने ग्रामीण उद्यमों के सामने मौजूद चुनौतियों के समाधान के लिए “क्रेडिट-प्लस” दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में दो एफपीओ को 25 लाख रुपये प्रति संस्था की ऋण सहायता भी प्रदान की गई।
इस मौके पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पैक्स और डीसीसीबी को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, “राजस्थान में नाबार्ड 2024-25” और “इकाई लागत पुस्तिका 2025-26” शीर्षक से दो पुस्तिकाएं भी लॉन्च की गईं।