
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने की, जबकि वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र’ योजना के तहत प्रदेश के 38 जनपदों की 51 एम-पैक्स पर औषधि केंद्रों का शुभारंभ किया गया। इन केंद्रों पर 80-90% तक सस्ती जेनेरिक दवाएं व सर्जिकल उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि एम-पैक्स की आयवृद्धि भी सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम में ‘ड्रोन दीदी’ योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित 266 महिलाओं को डीसीसीए द्वारा अनुमोदित प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाकर उन्हें ड्रोन पायलट के रूप में सक्षम किया जा रहा है। इस पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया गया।
सहकार से समृद्धि योजनांतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाली प्रदेश की 5 एम-पैक्स समितियों को व्यवसाय विविधिकरण के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए। वहीं डॉ. अरुण सक्सेना ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण की महत्ता पर जोर देते हुए 9 जुलाई को “एक पेड़ माँ के नाम” योजना को जनआंदोलन के रूप में मनाने का आग्रह किया।
सहकारिता मंत्री राठौर ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता अब एक आंदोलन नहीं, बल्कि परिवर्तन का माध्यम बन चुकी है। उन्होंने बताया कि बी-पैक्स सदस्यता महाभियान के अंतर्गत 30 लाख से अधिक नए सदस्यों का पंजीकरण हुआ और 70 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी प्राप्त हुई। इससे सहकारिता क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
प्रदेश के कृषकों को उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 6700 एम-पैक्स को 10 लाख रुपये की ब्याजमुक्त ऋण सीमा दी गई, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा 980 जर्जर एम-पैक्स भवनों का सुदृढ़ीकरण 70 करोड़ रुपये की लागत से किया गया और आगामी वर्ष में 30 करोड़ रुपये की सहायता और दी जाएगी।
सोलर रूफटॉप विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 258 एम-पैक्स पर 5 करोड़ रुपये की लागत से सौर पैनल लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक को यूआईडीएआई द्वारा आधार कार्ड निर्माण हेतु पंजीकृत एजेंसी के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है, जिससे यह सुविधा जल्द ही जिला सहकारी बैंकों और एम-पैक्स तक भी पहुँचेगी।
बलरामपुर जनपद में नया जिला सहकारी बैंक स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। वहीं, सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने हेतु एम-पैक्स का डेटाबेस पीसीयू में स्थापित किया गया है। इस अवसर पर आईसीसीएमआरटी के प्रशिक्षकों के मानदेय को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने की भी घोषणा की गई।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव सौरम बाबू ने स्वागत भाषण में सहकारिता क्षेत्र में हुए नवाचारों पर प्रकाश डाला। आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में मिशन निदेशक श्रीमती दीपारंजन, विभिन्न सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
इस भव्य आयोजन ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में सहकारिता न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन रही है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय सरोकारों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।