
कर्नाटक स्थित मैंगलोर कैथोलिक को-ऑपरेटिव (एमसीसी) बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024–25 के दौरान सभी प्रमुख वित्तीय मानकों पर उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इस अवधि में बैंक ने 13 करोड़ रुपये का सकल लाभ अर्जित किया।
बैंक के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए अध्यक्ष अनिल लोबो ने कहा कि बैंक ने न केवल व्यवसाय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, बल्कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को भी प्रभावी रूप से घटाया है।
बैंक का कुल कारोबार 1240 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। एनआरआई ग्राहकों के मजबूत सहयोग से बैंक की निवल संपत्ति 76 करोड़ रुपये से बढ़कर 86.68 करोड़ रुपये हो गई।
मूल रूप से दक्षिण कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में केंद्रित बैंक अब पूरे कर्नाटक में अपने पांव पसार रहा है। बीते वर्ष बैंक ने बेल्थंगडी और बेल्मन में क्रमशः अपनी 18वीं और 19वीं शाखाओं का शुभारंभ किया।
बैंक जुलाई 2025 के अंत तक उडुपी जिले के बिंदूर में अपनी 20वीं शाखा खोलने की योजना बना रहा है। इसके अतिरिक्त, कुलशेखर शाखा जून के अंत तक अपने स्वामित्व वाले भवन में स्थानांतरित हो जाएगी, जो बैंक की आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम है।
कोर बैंकिंग सुविधा से सुसज्जित एमसीसी बैंक, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समकक्ष सेवाएं प्रदान कर रहा है। बैंक शीघ्र ही गूगल पे, फोनपे और यूपीआई जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जुड़ने जा रहा है।
FY 2024–25 में बैंक की कार्यशील पूंजी 11.13% की वृद्धि के साथ 836.73 करोड़ रुपये रही, जबकि अंश पूंजी 32.43 करोड़ रुपये दर्ज की गई। कुल एनपीए पर 72.02% का प्रावधान कवरेज अनुपात और 22.81% का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर), जो आरबीआई के निर्धारित 12% मानक से कहीं अधिक है, बैंक की सुदृढ़ वित्तीय स्थिति को दर्शाते हैं।
बैंक ने मार्च 2026 तक 1500 करोड़ रुपये का व्यवसाय लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प लिया है।
ग्राहकों को कम दरों पर लॉकर सुविधा, निशुल्क एटीएम एवं मोबाइल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही, आरबीआई के नियमों के अनुसार सभी जमा राशि डीआईसीजीसी द्वारा बीमित हैं, जिससे जमाकर्ताओं को पूर्ण सुरक्षा प्राप्त होती है।
बैंक ने अपनी निरंतर प्रगति और स्थायित्व का श्रेय ग्राहकों के अटूट विश्वास, कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और सदस्यों के सतत सहयोग को दिया है।