इफको की 47वीं वार्षिक आम बैठक की कार्यवाही के दौरान यूं तो किसी को कोई शिकायत नहीं थी लेकिन एक प्रतिनिधि ने बैठने के लिए कुर्सी की कमी पर असंतोष व्यक्त किया। कुछ प्रतिनिधियों ने उन्हें याद दिलाया कि अन्य सहकारी समितियों की एजीएम में कुर्सियां खाली होती है वहां प्रतिनिधि नहीं आते है लेकिन इफको की एजीएम में कुर्सी की कमी का होना सहकारिता के लिए गर्व की बात है।
कुर्सी की कमी पर असंतोष व्यक्त करने वाला प्रतिनिधि गुलाब ध्वज सिंह मौजपुर से आया था। उन्होंने एमडी के भाषण के दौरान ही दो मुद्दों पर शिकायत की जिसमें बैठने के लिए स्थान की कमी के साथ-साथ इफको मेें एरिया मैनेजरों को साइड लाइन करने की भी बात थी।
इफको एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी ने अपना भाषण देने से पहले उन्हें धैर्यपूर्वक सुना। यदि कुर्सियों की कमी पर उन्होंने खेद व्यक्त किया तो एरिया मैनेजर के मुद्दे पर उन्होंने अपनी प्रबंधकीय कौशल को दर्शाया।
“आप कुछ व्यक्तियों के बारे में सोच रहे हैं, जबकि हम पूरे संगठन के हित में निर्णय लेते हैं। अगर कोई संगठन समय के साथ बदलाव नहीं करती तो वह डूबने की कगार पर पहुंच जाती है”, एमडी ने 500 फील्ड ऑफिसर की प्रशंसा करते हुए कहा जो इफको के नए अवतार में देश के कई हिस्सों में सक्रिय हैं।
एमडी ने कहा कि, “ये फील्ड ऑफिसर सीधे साइबर मीडिया के जरिए शीर्ष प्रबंधन से बातचीत करते हैं। मामला कोई भी हो, समाधान तुरंत होता है और यदि यह डिजिटल क्रांति नहीं है तो और क्या है। साथ ही हमने एरिया मैनेजरों को नहीं हटाया है, हमने केवल फील्ड ऑफिसर की नियुक्ति की है जो हमारे नये एरिया मैनेजर की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं, अवस्थी ने इस बात को जोर देकर कहा।
“इफको के पचास वर्षों के इतिहास में कोई भी निर्णय ऐसा नहीं लिया गया जो की भावनात्मक हो या जल्दी में लिया गया हो और शायद इसी वजह से आज हम नई ऊंचाइयों को छूने पर अग्रसर है, अवस्थी ने कहा।“
बाद में, कई प्रतिनिधियों ने इफको को सफलता का मॉडल बनाने में अवस्थी की प्रशंसा की। बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने अवस्थी को जादूगर बोला तो गुजरात से प्रतिनिधि भावना गौंडलाया ने कहा कि डॉ यू.एस.अवस्थी ही प्रधानमंत्री मोदी का सपना-किसानों की आय दोगुनी करने को साकार कर सकते हैं। यदि महाराष्ट्र की साधना यादव ने अपने आप को भाग्यशाली माना कि उन्हें अवस्थी जी नेता के रूप में मिले हैं तो मोगा के मंजीत सिंह ने उन्हें किसानों का मसीहा बताया।
किसानों का इफको में विश्वास को देखते हुए पश्चिम बंगाल के हलधर सरकार चाहते हैं कि इफको किसानों की मदद करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करे और हिमाचल के अमर सिंह सखानी चाहते थे कि इफको खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रवेश करे।
कई अन्य वक्ता जो एमडी की हर एजीएम में प्रशंसा करते नहीं थकते वे भी मौजूद थे। इनमें अंकित परीहार, आर.रामचंद्रन, सुनील खत्री, शशिकांत द्विवेदी समेत कई अन्य शामिल थे। इन सभी वक्ताओं ने एमडी के लिए पद्म पुरस्कार की मांग की।