गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 23,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर.एस.सोढ़ी ने बताया कि दुग्ध सहकारी का 2017-18 वित्त वर्ष के दौरान करीब 30 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में आर.एस.सोढ़ी ने कहा कि अधिक दूध की खरीद, नए उत्पादों का शुभारंभ, की वजह से हमारे कारोबार में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
सोढ़ी ने कहा कि अमूल देश-भर में 120 लाख लीटर दूध बेचता है जिसमें से 50 लाख गुजरात राज्य में बेचा जाता है। इस साल हमारी विकास दर कम है क्योंकि हमने 20-22 महीनों से किसी भी दूध उत्पादों की कीमतों में वृद्धि नहीं की है। हालांकि हमने गुजरात में पिछले साल मई महीने में दूध की कीमतों में थोड़ा इजाफा किया था और दिल्ली, मुंबई और कोलकाला में दूध की कीमतों में 2014 से कोई वृद्धि नहीं की गई है। हमने छाछ और दही जैसे उत्पादों की दरो को कम किया था, जीसीएमएमएफ के एमडी ने सहकारी न्यूज पोर्टल को बताया।
अमूल अगले पांच सालों में दूध प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रही है, उन्होंने कहा 17 सदस्य यूनियनों, गुजरात के 18,600 गावों में से 36 लाख से अधिक किसानों की ताकत से जीसीएमएमएफ 180 लाख लीटर दूध की खरीद कर रही है।
जीसीएमएमएफ ने हाल ही में गांधीनगर जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ द्वारा संचालित मुधर डेयरी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत मधुर गांधीनगर में अमूल ब्रांड के नाम से दूध बेचेगी।
सहकारिता का गौरव अमूल समय पर अपना लेखा परीक्षा करता है। एक अन्य सहकारी संस्था इफको भी है जो समय से पहले अपना लेखा परीक्षा पूरा करने वालों की सूची में आती है, जानकार सूत्रों का कहना है।