
मध्य प्रदेश सरकार ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) और उनसे जुड़ी संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी सुधार अभियान शुरू किया है। बीते दो वर्षों में राज्य ने आधुनिकीकरण, पारदर्शिता और विविधीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए सहकारिता को किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक प्रमुख आधार बनाया है।
राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि यह रही है कि राज्य की प्रत्येक पंचायत को बैंकिंग नेटवर्क से जोड़ दिया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित हुई है। इसके साथ ही सरकार किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर फसल विविधीकरण और नए आय स्रोतों के प्रति जागरूक करने पर भी जोर दे रही है।
सहकारी संस्थाओं में कर्मचारियों की प्रक्रियागत त्रुटियों के कारण किसानों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार एक नई न्याय प्रणाली लागू करने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य शिकायतों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों को उनकी गलती न होने पर दंडित न होना पड़े।
इसी कड़ी में लंबे समय से लंबित ऋण विवादों के समाधान और संकटग्रस्त उधारकर्ताओं को राहत देने के लिए एक सरल वन-टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना भी शीघ्र ही राज्यभर में लागू की जाएगी।
पारदर्शिता को सुधार एजेंडे का प्रमुख स्तंभ बनाते हुए राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों का 100 प्रतिशत कंप्यूटरीकरण पूरा कर लिया गया है। अप्रैल तक सभी सहकारी प्रणालियों को रियल-टाइम मोड में लाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसानों को सेवाओं और जानकारी तक तेज़ी से पहुंच मिल सके। मध्य प्रदेश ने लगभग 54 हजार सहकारी समितियों का ऑनलाइन ऑडिट कर राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल भी कायम की है।
सरकार पैक्स की भूमिका को केवल ऋण, उर्वरक, बीज आपूर्ति और खरीद तक सीमित न रखते हुए नए क्षेत्रों में भी विस्तार दे रही है। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट–2025 में सहकारिता को औपचारिक रूप से शामिल किया गया, जहां सहकारी सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत सहकारी संस्थाओं को कॉर्पोरेट क्षेत्र, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है। इससे हजारों किसानों के लिए आय और रोजगार के नए अवसर खुलने की उम्मीद है।
इसके अलावा सरकार सिंचाई विकास, मृदा परीक्षण, सॉयल हेल्थ कार्ड और समय पर उर्वरक उपलब्धता को भी प्राथमिकता दे रही है। मध्य प्रदेश देश के प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल है, वहीं उर्वरक वितरण में भी सहकारी संस्थाओं की भूमिका लगातार बढ़ी है। मार्कफेड द्वारा विकसित उन्नत भंडारण प्रणालियां आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत कर रही हैं, जिससे राज्य का सहकारिता-आधारित विकास मॉडल और सुदृढ़ हो रहा है।



