
लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान केरल के तीन सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं के दावों के निपटारे के तहत कुल 549.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
उन्होंने कहा कि डीआईसीजीसी, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन अधिनियम, 1961 के तहत जमा बीमा योजना का संचालन करता है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जमाकर्ता को मूलधन और ब्याज सहित अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है। वर्तमान में यह बीमा कवरेज केरल में कार्यरत सभी आरबीआई-लाइसेंस प्राप्त सहकारी बैंकों पर लागू है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य के सहकारी बैंक, जिनमें केरल राज्य सहकारी बैंक और 58 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (यूसीबी) शामिल हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नियामक ढांचे के अंतर्गत कार्य करते हैं।
जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा को रेखांकित करते हुए मंत्री ने बताया कि आरबीआई और नाबार्ड ने सहकारी बैंकों में पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय स्थिरता बढ़ाने के लिए कई उपाय लागू किए हैं।



