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देश में कार्बन-स्मार्ट खेती बढ़ाने पर एनसीयूआई का जोर

नई दिल्ली स्थित एनसीयूआई मुख्यालय में बुधवार को नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) और कायराली एग्रीकल्चर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, त्रिशूर (केरल) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता देश में सतत कृषि, कार्बन उत्सर्जन में कमी और ग्रीन फाइनेंस को बढ़ावा देने की दिशा में सहकारी प्रयासों को मजबूत करेगा।

एमओयू के तहत जलवायु-स्मार्ट कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, किसानों में जागरूकता बढ़ाने, क्षमता-विकास कार्यक्रम संचालित करने और सहकारी ढांचे के माध्यम से कार्बन क्रेडिट तैयार करने पर सहयोग किया जाएगा।

समझौते के बाद एनसीयूआई अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने कहा कि दोनों संस्थाएं मिलकर किसानों को उन्नत तकनीक, टिकाऊ खेती के तरीके और ग्रीन फाइनेंस तक पहुंच उपलब्ध कराएंगी, जो राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप है।

एमओयू का लक्ष्य भारत के सहकारी-आधारित कार्बन क्रेडिट मॉडल को वैश्विक बाजारों तक ले जाना है, जिससे किसान अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फाइनेंस, जलवायु-निवारण पहल और सीमा-पार कार्बन ट्रेडिंग से जुड़ सकें।

समारोह में एनसीयूआई की ओर से दिलीप संघाणी (अध्यक्ष) और सुधीर महाजन (सीईओ) उपस्थित थे। कायराली सोसाइटी की ओर से के. वी. अशोकन (चेयरमैन), लतीश वी. के. (प्रोजेक्ट हेड – कार्बन क्रेडिट), प्रदीप कुमार (सीईओ), निदेशक निशा राजू, जैसलिन जेम्स, रेंजीत कुमार पी. जी. और चार्ल्स मैथ्यूज (सीजीएम) मौजूद रहे।

कायराली के प्रदीप कुमार और लतीश वी. के. ने एनसीयूआई अध्यक्ष को बताया कि उनकी सहकारी संस्था अब तक केरल के 5,000 से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष कार्बन क्रेडिट लाभ दे चुकी है।

दिलीप संघाणी ने सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण में सहकारी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कायराली के प्रयासों की सराहना की। यह साझेदारी आने वाले समय में सहकारी-नेतृत्व वाले ग्रीन विकास को गति देगी और कई राज्यों के किसानों को लाभ पहुंचेगा।

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