ताजा खबरें

सहकारी आंदोलन बना विकास का आधार, गरीबी घटी-रोजगार बढ़ा: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता, कृषि और मत्स्य क्षेत्र गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन के शक्तिशाली साधन बन सकते हैं। उन्होंने यह बात सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एनज़ेडसी) की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सहित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ मंत्री एवं अधिकारी मौजूद रहे।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के अनुरूप सहकारी क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय देशभर में 57 बड़े सुधार लागू कर चुका है, जिनमें पैक्स का कंप्यूटरीकरण, तीन नए राष्ट्रीय सहकारी निकायों का गठन और ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय’ की स्थापना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मजबूत राज्यों से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है, और क्षेत्रीय परिषदें अब सहयोग, नीति समन्वय और विवाद निवारण के महत्वपूर्ण मंच बन चुकी हैं। शाह ने महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में त्वरित न्याय, फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के विस्तार, पॉक्सो एक्ट के कठोर पालन तथा पोषण एवं स्टंटिंग के उन्मूलन पर विशेष जोर दिया।

अमित शाह ने बताया कि 2014 के बाद से ज़ोनल काउंसिल की बैठकों की संख्या दोगुने से अधिक हो गई है और अब तक 1,300 से अधिक मुद्दों का समाधान किया गया है। उन्होंने राज्यों से वंदे मातरम के प्रचार, न्याय प्रणाली में तकनीक के उपयोग, मोटे अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा देने और जल, पर्यावरण, वित्तीय समावेशन व कल्याणकारी योजनाओं पर बेहतर अंतर-राज्यीय समन्वय सुनिश्चित करने की अपील की।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close