
नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने मात्र दो वर्षों में भारत के कृषि निर्यात क्षेत्र में मजबूत पहचान बनाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में एनसीईएल ने 4,283 करोड़ रुपये का कारोबार किया और 122 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया।
इस दौरान संस्था ने 10.83 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) कृषि उत्पादों का निर्यात किया, जिसकी कीमत 4,283.56 करोड़ रुपये रही। इससे पहले 2023-24 में 2.66 एलएमटी उत्पाद 1,113.13 करोड़ रुपये के निर्यात किए गए थे। जनवरी 2023 से अगस्त 2025 तक एनसीईएल ने कुल 13.49 एलएमटी उत्पादों का निर्यात किया है, जिनकी कीमत 5,403.01 करोड़ रुपये रही। चावल, चीनी, प्याज, बेबी फूड, प्रोसेस्ड फूड, मसाले, चाय, समुद्री उत्पाद और मोटे अनाज जैसे उत्पाद 28 देशों तक पहुँचाए गए हैं।
अगस्त 2025 तक संस्था की सदस्यता 11,034 सहकारी समितियों को मिल चुकी है। इनमें 10,793 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स), 216 तहसील व जिला स्तरीय सहकारी समितियां, 10 राज्य एवं बहु-राज्य सहकारी संस्थाएं और 5 प्रवर्तक संस्थाएं शामिल हैं। गांव स्तर पर काम करने वाली पैक्स इस मॉडल की रीढ़ हैं, जो किसानों को सीधे वैश्विक बाजार से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने का काम कर रही हैं।
25 जनवरी 2023 को गठित एनसीईएल को इफको, कृभको, नाफेड, जीसीएमएमएफ (अमूल) और एनसीडीसी ने प्रमोट किया था। इसे 500 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी और 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापित किया गया था। ‘सहकार से समृद्धि’ दृष्टिकोण के तहत इसका लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है।
अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एनसीईएल ने सेनेगल, इंडोनेशिया और नेपाल सहित कई देशों के आयातकों के साथ 61 समझौते किए हैं। जुलाई 2025 में मध्यप्रदेश से ‘कमोडिटी सेमिनार’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसके जरिए किसानों और सहकारी संस्थाओं को निर्यात के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही बीपीओ सेवाओं, 10 भाषाओं में डिजिटल न्यूज़लेटर, सोशल मीडिया कैंपेन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
विदेशों में दफ्तर खोलने और डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने की योजनाओं के साथ, एनसीईएल अब भारत की सहकारी ताकत का वैश्विक चेहरा बनने की दिशा में अग्रसर है।