
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य बिहार की ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर जीविका से जुड़ी दीदियों को कम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी तरह डिजिटल इस व्यवस्था से महिलाओं को बैंकों या संस्थानों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उन्हें सीधे मोबाइल फोन और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के जरिए वित्तीय सहयोग मिल सकेगा। उन्होंने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया और बिहार की माताओं-बहनों को शुभकामनाएँ दीं।
अपने संबोधन में मोदी ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी केंद्र सरकार की योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर जल, आयुष्मान भारत, मुफ्त राशन योजना, लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी पहलें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए समर्पित हैं।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों द्वारा उनकी दिवंगत माताजी पर की गई टिप्पणी को लेकर गहरी पीड़ा भी व्यक्त की और कहा कि यह अपमान केवल उनकी मां का नहीं, बल्कि देश की सभी माताओं और बेटियों का अपमान है। उन्होंने बिहार की महिलाओं से आग्रह किया कि वे ऐसी मानसिकता को अस्वीकार करें।
इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा सहित कई लोग मौजूद रहे।
जीविका निधि सहकारी संघ के माध्यम से राज्यभर की पंजीकृत महिला सदस्य अब पारदर्शी और आसान प्रक्रिया से कम ब्याज पर ऋण प्राप्त कर सकेंगी। इस पहल के तहत 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम से लगभग 20 लाख ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित होंगी।