ताजा खबरें

दीर्घकालिक सहकारी ऋण को बढ़ावा देने में एनसीडीसी अग्रसर

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), जो भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत एक सांविधिक संगठन है, कृषि ऋण सहकारी समितियों को दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दीर्घावधि कृषक पूंजी सहकार योजना लागू कर रहा है।

इस योजना के तहत सहकारी समितियों को व्यवहार्य परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

एनसीडीसी ने इसके लिए सुदृढ़ वित्तपोषण दिशानिर्देश बनाए हैं, जिनमें परियोजनाओं की वित्तीय और तकनीकी व्यवहार्यता का गहन मूल्यांकन किया जाता है।

परियोजनाओं का आकलन आईआरआर, एनपीवी, डीएससीआर, ब्याज कवरेज अनुपात और नकदी प्रवाह जैसे विभिन्न मानकों के आधार पर किया जाता है। साथ ही सहकारी समिति की वित्तीय स्थिति, पिछला प्रदर्शन, प्रबंधन की क्षमता और ऋण चुकौती का रिकॉर्ड भी महत्वपूर्ण आधार रहते हैं।

संस्थान अपने 19 क्षेत्रीय कार्यालयों और 9 उप-कार्यालयों के माध्यम से समय-समय पर परियोजनाओं की निगरानी करता है। ऋण की सही उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए तिमाही निरीक्षण किए जाते हैं और लाभार्थी समितियों से प्रगति रिपोर्ट भी मांगी जाती है।

वसूली के लिए एनसीडीसी ने एक समर्पित विभाग बनाया है, जो निर्धारित समय पर नोटिस और अनुस्मारक भेजता है। आवश्यकता पड़ने पर एसएआरएफएईएसआई अधिनियम और डीआरटी के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाती है।

पिछले तीन वर्षों में इस योजना के तहत ऋण वितरण का ब्योरा इस प्रकार है: 2022-23 में 400 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए लेकिन कोई राशि जारी नहीं हुई, 2023-24 में 60 करोड़ रुपये वितरित किए गए, जबकि 2024-25 में 5000 करोड़ रुपये स्वीकृत और 2077 करोड़ रुपये जारी किए गए।

कुल मिलाकर 5400 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए, जिनमें से 2137 करोड़ रुपये वितरित किए गए। यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close