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सामान्य इंजीनियर से बने इफको एमडी: पटेल ने पारादीप को दी नई दिशा

इफको के नए प्रबंध निदेशक के रूप में कीर्तिकुमार जे. पटेल की नियुक्ति से देशभर के सहकारी जगत में उत्साह और उम्मीदों की एक नई लहर दौड़ गई है। वर्ष 1985 में इफको की कालोल इकाई में उप महाप्रबंधक के रूप में शामिल होकर अब प्रबंध निदेशक के पद तक पहुँचना न केवल संस्था के मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है, बल्कि यह उन कर्मठ अधिकारियों के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है, जिन्होंने वर्षों तक निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया है।

गुजरात के जामनगर जिले से ताल्लुक रखने वाले कीर्तिकुमार जे. पटेल ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और अपने करियर की शुरुआत इफको की कालोल इकाई से की। यहां उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक तकनीकी और प्रबंधकीय क्षमताओं का गहन अनुभव अर्जित किया। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओमान स्थित ओमफोक में कार्य किया और बाद में भारत के सबसे बड़े और जटिल उर्वरक संयंत्र-पारादीप यूनिट का नेतृत्व संभाला।

बताया जाता है कि वर्ष 2012 में जब पटेल ने पारादीप इकाई की ज़िम्मेदारी संभाली, उस समय संयंत्र की स्थिति गंभीर थी। उत्पादकता में भारी गिरावट थी, मशीनें जर्जर हो चुकी थीं और श्रमिकों तथा प्रबंधन के बीच तालमेल की भारी कमी थी। लेकिन अपने शांत, सुलझे और निर्णायक नेतृत्व के ज़रिए उन्होंने इस इकाई का कायाकल्प कर दिया। उन्होंने प्रबंधन और श्रमिकों के बीच विश्वास बहाल करते हुए संयंत्र को स्थिरता और उच्च उत्पादकता की ओर अग्रसर किया। इसी कारण उन्हें इफको में स्नेहपूर्वक “इंस्पेक्शन एंड मेंटेनेंस मैन” के नाम से जाना जाने लगा।

उनका योगदान केवल पारादीप तक सीमित नहीं रहा। वर्ष 2024 में उन्हें इफको मुख्यालय में निदेशक (तकनीकी) के पद पर पदोन्नत किया गया, जहां उन्होंने सभी नाइट्रोजन और फॉस्फेटिक संयंत्रों का संचालन सफलतापूर्वक संभाला। उनकी कार्यशैली योजनाबद्ध, पर्यावरणोन्मुख और तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक मानी जाती रही है।

इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा, “पटेल की रणनीतिक सोच और तकनीकी दक्षता इफको के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप है। वह इफको को नवाचार, मूल्यवर्धन और आधुनिक कृषि समाधान की नई दिशा में ले जाने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं।”

प्रबंध निदेशक के रूप में पटेल की भूमिका अब केवल उर्वरक संयंत्रों तक सीमित नहीं रह गई है। वह अब इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस, इफको बाजार लिमिटेड और जॉर्डन सहित अंतरराष्ट्रीय संयुक्त उपक्रमों जैसे दर्जनों सहायक संस्थानों का भी संचालन देखेंगे।

पटेल ऐसे समय में नेतृत्व संभाल रहे हैं जब इफको ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं और वैश्विक साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जमीन से जुड़े पटेल न केवल तकनीकी विशेषज्ञता रखते हैं बल्कि किसानों और कर्मचारियों के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी बनाए रखते हैं।

जैसे ही वे इस महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी को संभालते हैं, देशभर के 35,000 से अधिक कर्मचारियों और करोड़ों किसान सदस्यों की उम्मीदें उनसे जुड़ गई हैं। चुनौतियाँ चाहे जितनी भी जटिल क्यों न हों, पटेल के नेतृत्व में इफको निश्चित रूप से नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

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