
महाराष्ट्र स्थित अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024–25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 64.99 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमाया है, जो पिछले वर्ष के 39.84 करोड़ रुपये की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है। इसके साथ ही, बैंक का सकल लाभ 34.87 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 5.22 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक सत्य प्रकाश पाठक और उनके सलाहकारों के नेतृत्व में बैंक ने न केवल बेहतर लाभ अर्जित किया है, बल्कि पुराने संचयी घाटे को कम करने में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है।
“भारतीय सहकारिता” को प्राप्त वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक बैंक का संचयी घाटा 371.50 करोड़ रुपये से घटकर 346.52 करोड़ रुपये रह गया। यानी 2024–25 में बैंक ने कुल 24.98 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई की है।
इसके अलावा, बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता (एसेट क्वालिटी) में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (एनपीए) 1,140.46 करोड़ रुपये से घटकर 949.01 करोड़ रुपये और शुद्ध एनपीए 478.23 करोड़ रुपये से घटकर 253.25 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, प्रावधान कवरेज अनुपात 57.08 प्रतिशत से बढ़कर 73.14 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो बेहतर जोखिम प्रबंधन को दर्शाता है।
बैंक का कुल कारोबार 14,193 करोड़ रुपये रहा। जमाओं में वृद्धि दर्ज की गई, जो 9,118 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,327 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। बैंक का मूल बचत चालू खाता अनुपात 43 प्रतिशत बना रहा।
हालांकि, अग्रिम ऋण (ऋण वितरण) घटकर 4,866 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वर्ष 5,591 करोड़ रुपये था। इसका मुख्य कारण एनपीए की वसूली और भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार बड़े ऋणों में कमी रहा।
बैंक अब खुदरा एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ऋण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे कॉरपोरेट ऋणों की तुलना में खुदरा ऋण पोर्टफोलियो का हिस्सा बढ़ा है। यह बैंक की विवेकपूर्ण ऋण नीति और बैलेंस शीट में सुधार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हालांकि, चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं, लेकिन अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक ने वित्त वर्ष 2024–25 में वित्तीय मजबूती, परिचालन स्थिरता और परिसंपत्ति गुणवत्ता में जो सुधार दर्शाया है, वह बैंक के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत देता है।