
मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने ‘सहकारी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (सीपीपीपी) निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ’ का शुभारंभ किया। यह प्रकोष्ठ सहकारिता आयुक्त कार्यालय, विंध्याचल भवन, भोपाल में स्थापित किया गया है।
यह नया प्रकोष्ठ निवेशकों, किसानों और सहकारी संस्थाओं को परामर्श, संवाद और स्वीकृति जैसी सेवाएं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उपलब्ध कराएगा।
इस अवसर पर मंत्री सारंग ने कहा कि सहकारी संस्थाएं जमीनी स्तर की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाती हैं और राष्ट्र निर्माण में इनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में लागू किया गया सीपीपीपी मॉडल देशभर में सराहा जा रहा है और यह सहकारी क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रकोष्ठ सहकारी गतिविधियों और निवेश से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, जिससे पारदर्शिता और समन्वय की भावना को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन का उल्लेख करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि सहकारिता इस लक्ष्य की प्राप्ति में एक प्रमुख आधारशिला के रूप में कार्य करेगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ‘सहकार से समृद्धि’ की दिशा में राज्य सरकार प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है, और सीपीपीपी मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर एक मानक के रूप में उभरकर सामने आया है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इस मॉडल की अवधारणा पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रस्तुत की गई थी, जिसके तहत रिलायंस, बैद्यनाथ और मैजेस्टिक बासमती राइस जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ लगभग ₹2,305 करोड़ के 19 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए थे।
मंत्री सारंग ने कहा कि सीपीपीपी मॉडल के माध्यम से प्राथमिक कृषि साख समितियाँ (पैक्स) जैसी सहकारी संस्थाएं निजी निवेशकों के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। वहीं, निजी क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण कच्चा माल सीधे ग्रामीण उत्पादकों से प्राप्त हो रहा है।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, सहकारिता आयुक्त मनोज पुष्प, विपणन महासंघ के प्रबंध निदेशक आलोक कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।