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आरबीआई ने यूसीबी में मानव संसाधन प्रथाओं को मजबूत करने की पहल

भारतीय रिजर्व बैंक के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल बैंकिंग (कैब) ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक सेमिनार आयोजन किया, जिसका शीर्षक “लोकल टैलेंट, ग्लोबल स्टैंडर्ड्स: प्रोफेशनलाइजिंग एचआर इन यूसीबी” था। यह कार्यक्रम सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में मानव संसाधन प्रबंधन को नए आयाम देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें देश भर के प्रतिष्ठित सहकारी बैंकों के एचआर प्रमुखों और प्रशिक्षण विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी की।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कैब के प्रिंसिपल जयकिश ने जोर देकर कहा, “सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए पेशेवर एचआर प्रथाओं को अपनाना अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन गया है।” उन्होंने कैब द्वारा इस दिशा में किए जा रहे निरंतर प्रयासों की जानकारी देते हुए आगामी महीनों में और अधिक ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना की घोषणा की।

सेमिनार के सबसे चर्चित सत्र “टैलेंट रिटेंशन: चुनौतियाँ और रणनीतियाँ” में सरस्वत सहकारी बैंक के पूर्व प्रमुख और प्रख्यात सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षक अभय लिमाये ने गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए सहकारी बैंकों को पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़कर रचनात्मक समाधान खोजने होंगे।”

टीजेएसबी बैंक के चेयरमैन शरद गंगाल ने “एक लचीला कार्यबल तैयार करना” विषय पर अपने संबोधन में कहा, “वर्तमान परिवर्तनशील व्यावसायिक परिवेश में संगठनात्मक लचीलापन ही सफलता की कुंजी है।” उन्होंने संकट प्रबंधन और निरंतर सीखने की संस्कृति को विकसित करने पर विशेष जोर दिया।

तकनीकी सत्र में एसवीसी सहकारी बैंक के वरिष्ठ निदेशक गिरीश कर्नाड ने “एचआर प्रक्रियाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के एकीकरण” पर प्रकाश डाला। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे एआई भर्ती, प्रशिक्षण और प्रदर्शन मूल्यांकन जैसी एचआर प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

समापन सत्र में कैब के वाइस प्रिंसिपल आनंद उपाध्याय ने धाराप्रवाह हिंदी में अपने संबोधन में कहा, “यह सेमिनार सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में मानव संसाधन प्रबंधन के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों से प्राप्त ज्ञान को व्यवहार में लाने का आह्वान किया।

अभय लिमाये ने इंडियन कॉपरेटिव को बताया, “इस सेमिनार ने सहकारी बैंकों के एचआर पेशेवरों को न केवल नवीनतम रुझानों से अवगत कराया, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होने का मंत्र भी दिया।” उन्होंने कैब द्वारा इस तरह के गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम आयोजित करने की सराहना की।

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