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शाह ने लिया सहकारी क्षेत्र में नई कार्य संस्कृति शुरू करने का संकल्प

नई दिल्ली में सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय भवन का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि बेहतर कार्य-संस्कृति के लिए कार्यालयों का आधुनिकरण और सुचारू व्यवस्था जरूरी है और मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज़ के गवर्नेंस के संबंध में पिछले 2 सालों में उठाए गए कदमों के बाद आज हम एक नए युग की शुरूआत कर रहे हैं।

इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा, सचिव, सहकारिता मंत्रालय ज्ञानेश कुमार, नैशनल बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक और देशभर से बहुराज्यीय सहकारी फेडरेशन, बहुराज्यीय सहकारी समितियों एवं बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि सहकारी पंजीयक केन्द्रीय कार्यालय, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प को मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में नए कानून, नए आफिस और नई पारदर्शी व्यवस्था के साथ सहकारिता क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। मोदी जी द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन के 2 सालों के बाद आज मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट में 98वें संशोधन के अनुसार सभी परिवर्तन कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोऑपरेटिव सोसायटीज़ के संचालन में आने वाली कई प्रकार की विसंगतियों को दूर करने के लिए 2023 में कानून बनाकर पारदर्शी सहकारिता का एक मज़बूत खाका तैयार करने का काम किया है।

शाह ने कहा कि सीआरसीएस के कार्यालय का कम्प्यूटराइज़ेशन भी हो चुका है और आज सीआरसीएस को नया कार्यालय भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 1550 वर्गमीटर क्षेत्र में बने सीआरसीएस कार्यालय पर लगभग 175 करोड़ रूपए की लागत आई है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के पीछे स्पष्ट उद्देश्य था कि देश में लगभग 125 साल पुराना सहकारिता आंदोलन समय के साथ-साथ क्षीण हो गया था, कानून अप्रासंगिक हो गए थे और ऊपर से नीचे तक पूरी सहकारिता का समय के साथ कदम मिलाना बाकी था। इस कारण आज़ादी के 75 वर्षों के बाद पीछे मुड़कर देखने पर लगा कि सहकारिता आंदोलन जितनी गति से आगे बढ़ना चाहिए था, उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ा।

शाह ने कहा कि देश के ग्रामीण अर्थतंत्र पर सहकारिता का जो संयुक्त प्रभाव पड़ना चाहिए था, वो नहीं दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना वाली 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था में सहकारिता का बड़ा योगदान सुनिश्चित कर हम इसे 21वीं सदी में पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय मोदी जी के विकसित भारत के विजन को पूरा करेगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि इफ्को ने प्रयोग के तहत नैनो डीएपी और नैनो यूरिया लिक्विड बनाया है और इसे बहुत कम समय में किसानों के खेतों तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि इस वक्त इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि भूमि संरक्षण हमारी उपज के लिए बेहद जरुरी है।

शाह ने कहा कि देश के गांवों में सबसे ज्यादा आकर्षण ड्रोन द्वारा लिक्विड यूरिया के छिड़काव के प्रति देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब पैक्स के माध्यम से ड्रोन दीदी खेतों में ड्रोन से छिडकाव करती हैं तो लोगों में विश्वास जगता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधुनिकता से जुड़ रही है।

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