ताजा खबरेंविशेष

ग्रामीण भारत को डिजिटल बनाएगा पैक्स: मंत्रालय का सीएससी के साथ एमओयू

प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पैक्स) को सामान्य सेवा केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने हेतु समर्थ करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस एमओयू पर हस्ताक्षर गुरुवार को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव की उपस्थिति में किये गये।

सहकारिता मंत्रालय, इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच नई दिल्ली में इस समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, सहकारिता मंत्रालय और इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड और एनसीडीसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स सहकारिता की आत्मा हैं और इन्हे लगभग 20 सेवाओं के प्रदाता बनाकर बहुद्देश्यीय बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़ग़ार के अवसरों में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण और कृषि विकास में पैक्स की भूमिका और योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने इस समझौते को सबके लिए विन-विन सिचुएशन बताते हुए कहा कि इससे सहकार से समृद्धि और सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाने का प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वप्न तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही सहकारिता और किसान दोनों मज़बूत भी होंगे। श्री शाह ने कहा कि इससे सामान्य सेवा केन्द्रों का कॉंसेप्ट देश की छोटी से छोटी इकाई तक बेहद सरलता से पहुंच सकेगा।

शाह ने कहा कि देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी किसी ना किसी रूप में सहकारिता से जुड़ी है और इतने बड़े सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।

उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के सामने पैक्स को viable बनाना सबसे बड़ी समस्या थी और आज पैक्स की कार्यप्रणाली में कई नए आयामों को जोड़कर एक नई शुरूआत हुई है। पैक्स अब जल वितरण, भंडारण, बैंक मित्र सहित 20 अलग-अलग गतिविधियां चला सकेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य समान सेवा केन्द्र द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराना है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हुए इस समझौते के अंतर्गत पैक्स अब सामान्य सेवा केंद्रों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम तो होंगी ही, इसके साथ ही पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को पैक्स के माध्यम से 300 से भी अधिक सीएससी सेवाएं भी उपलब्ध हो पाएंगी। इसके अलावा इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी।

शाह ने कहा कि इस पहल से पैक्स, सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं नागरिकों को प्रदान करने में सक्षम होंगी, जिनमें बैंकिंग, इंश्योरेंस, आधार नामांकन/अपडेट, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड, रेल, बस व विमान टिकट सम्बन्धी सेवाएँ, आदि शामिल हैंI

उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही पैक्स कम्प्यूटरीकरण की केंद्र प्रायोजित परियोजना के तहत विकसित किये जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का उपयोग पैक्स को सीएससी के रूप में कार्य करने के लिए भी किया जाएगा, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close