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उत्साहित सहकारी नेताओं ने ‘प्रो-सहकारी बजट’ के लिए सरकार का किया धन्यवाद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2023-24 पर सहकारी नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। सहकारी संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे पथप्रदर्शक बताया है। इस बार के बजट में हर क्षेत्र को कुछ न कुछ तोहफा दिया गया है, चाहे वह पैक्स हो या फिर डेयरी, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण हो।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में एक सहकारी नेता ने कहा, ठएक समय था जब केंद्रीय बजट में “सहकारिता” शब्द का उल्लेख शायद ही किया जाता था लेकिन सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से इस क्षेत्र को बजट के केंद्र बिंदु में रखा जा रहा है।

हम नीचे सहकारी नेताओं की ओर से दी गई प्रतिक्रियाओं को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं-

एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी

नयी सहकारी समितियों व पूरे सहकारिता जगत के लिए शानदार बजट लेकर आयी मोदी सरकार।‘सहकार से समृद्धि’स्वप्न को साकार करने वाले बजट के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद।

कृषि साख ऋण को 20लाख करोड़ करने का प्रावधान काफी अच्छा है,जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी। सहकारी साख संस्थायें किसानों को ज्यादा से ज्यादा ऋण प्रदान कर पायेंगे, जिससे मध्यम व निचले वर्ग के किसान लाभान्वित होंगे

बजट में राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस बनाने की घोषणा है, जो स्वागत योग्य कदम है। सहकारी संस्थाओं की विस्तृत जानकारी से सहकारी आंदोलन और भी मजबूत हो जायेगा। इसके अलावा, प्राथमिक सहकारी समितियां और प्राथमिक सहकारी कृषि विकास बैंक को 2 लाख की नकद जमा और ऋण चुकता की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिलेगा। शक्कर किसानों से बकाया भुगतान में शक्कर सहकारिताओं को रु.10,000 करोड़ की छूट भी स्वागत योग्य कदम है।

सरकार ने 63,000 प्राथमिक सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए रु. 2,516 करोड़ का प्रावधान रखा है, जो इन समितियों की कार्यकुशलता बढ़ायेगा और उन्हें सक्षम बनायेगा।

आईसीए-एपी के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह यादव

बुधवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आईसीए एशिया-पैसिफिक के अध्यक्ष और कृभको के चेयरमैन ने कहा कि बजट सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देगा। चंद्र पाल ने कहा कि देश भर में को-ऑप मैपिंग एक गेम चेंजर साबित होने जा रहा है।

वास्तव में ऐसे क्षेत्र हैं जहां सहकारिता आंदोलन मजबूत नहीं है और एक राष्ट्रीय डेटाबेस एक स्पष्ट तस्वीर पेश करेगा जहां हम सहकारी नेताओँ और सरकार को मिलकर इसे मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा, चंद्रपाल ने कहा।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी

हम इफको में यूनियन बजट 2023-24 का हार्दिक स्वागत करते हैं।देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारी क्षेत्र के लिये वरदान। सहकार से समृद्धि के माननीय प्रधानमंत्री के सपने को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के कुशल नेतृत्व को धन्यवाद।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था, वैकल्पिक प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले केंद्रीय बजट 23-24 का हम स्वागत करते हैं। भारतीय कृषि के लिए यह शानदार बजट है।

यह किसानों की आय को दोगुना करने और ग्रामीण भारत के सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा।

नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने कहा कि बजट विकासोन्मुख है और इसमें सहकारी क्षेत्र को उचित महत्व दिया गया है। “चीनी सहकारी समितियों से जुड़े आयकर संबंधी मामलें एक बड़ी समस्या थी लेकिन वित्त मंत्री और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमितभाई शाह ने इसका रास्ता खोज लिया है। अब चीनी सहकारी समितियों को कर देनदारी पर अधिक बचत होगी”, मेहता ने कहा।

सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी

माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमनजी द्वारा बजट में कोऑपरेटिव क्षेत्र के संदर्भ में की गई घोषणाओं का सहकार भारती स्वागत करती है। लंबे समय के बाद कॉप सेक्टर पर फोकस करने की कोशिश की गई है।

सहकार भारती निश्चित रूप से इस बात का भी स्वागत करती है कि वित्त मंत्री ने पैक्स और पैकार्ड्स को धारा 268 टी से जमा करने और 2 लाख रुपये की सीमा तक ऋण देने की घोषणा की है। इससे पहले डेयरी सेक्टर को भी यह राहत दी गई थी। हालांकि, क्रेडिट सहकारी समितियों को धारा 269 टी के तहत राहत नहीं दी गई है।

सहकार भारती को उम्मीद है कि वित्त मंत्री क्रेडिट सहकारी समितियों को भी राहत देने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगी।

वैम्निकॉम निदेशक हेमा यादव

गन्ना सहकारी समितियों को बजट में बड़ी राहत दी गई है। यह एक उत्साहजनक कदम है।

मैन्युफैक्चरिंग में कम टैक्स बेनिफिट वाली सहकारी समितियों को राहत देना स्वागत योग्य कदम है।

आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों के लिए एक्सीलेटर फंड भी हो सकता था।

जयप्रकाश दांडेगांवकर, अध्यक्ष, शुगर को-ऑप फेड

एक प्रगतिशील बजट जो भारतीय सहकारी चीनी क्षेत्र को बहुत आवश्यक राहत और भारी बढ़ावा देता है। यह प्रधानमंत्री के सहकार से समृद्धि के विजन को तेजी से हासिल करने में मदद करेगा।

बजट 2023 एक विकासोन्मुखी बजट है जिसने सहकारी-आधारित आर्थिक विकास मॉडल को ध्यान में लाया है और यह बजट भारतीय सहकारी चीनी क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को उजागर करने में मदद करेगा।

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