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सचिव का राजकोट दौरा; सहकारी प्रतिनिधियों से मुलाकात

गुजरात के राजकोट में मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंकों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत सरकार देश में सहकारी क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय उनके सामने आने वाली सभी चुनौतियों से निपटने में उनकी मदद करेगा।

बता दें कि ज्ञानेश कुमार हाल ही में नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज लिमिटेड (नेफकॉब) के अध्यक्ष ज्योतिंद्रभाई मेहता के निमंत्रण पर राजकोट के दौरे पर थे, राजकोट नागरिक सहकारी बैंक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

इस अवसर पर ज्योतिंद्रभाई मेहता के अलावा, शैलेशभाई ठाकर समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

अपने स्वागत भाषण में शैलेश ठक्कर ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक को एशिया में सबसे अधिक शेयरधारकों के साथ अग्रणी सहकारी बैंकों में से एक बताया।

नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्रभाई मेहता ने अपने भाषण में भारतीय रिजर्व बैंक से सहकारी बैंकों के सामने आने वाली विभिन्न बाधाओं पर चर्चा की।

मेहता ने सहकारी बैंकों के सभी निदेशकों के कार्यकाल को चार से पांच साल तक बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि “सहकर्मी समृद्धि का सिद्धांत” तभी पूरा होगा जब सहकारी बैंक पाँच ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने में योगदान कर सकते हैं।

गौरतलब है कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शहरी सहकारी बैंकों और आरबीआई के बीच लंबित मुद्दों को हल करने में काफी रुचि दिखाई है। शाह ने मंत्रालय के अधिकारियों से आरबीआई अधिकारियों से मिलने से पहले यूसीबी के प्रतिनिधियों से मुद्दों को समझने को कहा है और कुछ दिन पहले मेहता ने इस मुद्दे पर सचिव से भी मुलाकात की थी।

विश्वसनीय सूत्रों का मानना ​​है कि मंत्रालय के अधिकारियों, यूसीबी के प्रतिनिधियों और आरबीआई के बीच एक अंतिम बैठक जल्द ही होगी। सूत्रों ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय मंत्री शाह भी बैठक में भाग लेंगे।”

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