कृषि

सिंह ने शिलांग में संसदीय समिति की बैठक का किया आयोजन

भारत में बागवानी क्षेत्र के विकास पर कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की सोमवार को शिलांग में आयोजित बैठक को सम्‍बोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस दिशा में चुनौती इस क्षेत्र को खाद्य प्रसंस्‍करण, कृषि संबंधी साजो-सामान, कृषि – व्‍यापार, इनपुट से संबंधित सेवाएं और कृषि ऋण के साथ पूर्णता प्रदान करना है।

बागवानी फसलों से संबंधित चुनौतियों का हवाला देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री ने सुझाव दिया कि पदार्थों की रोपायी से लेकर उपज के बाद के प्रबंधन और साजो-सामान से जुड़े मामलों और मूल्‍य निर्धारण तक के कार्यों में उत्‍पादक संगठनों और किसान उत्‍पादक संगठनों को साथ लेना चाहिए।

इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बाल्‍यान और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री मोहनभाई कुंदारिया और छह सांसदों तथा आईसीएआर के एनईएच क्षेत्र के निदेशक डॉ. एस. वी. नगाचान ने भी भाग लिया।

इससे पहले श्री सिंह ने एनईएच क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर का दौरा किया और परिसर में एफएटीई (फेसिलिटी फॉर एयर टैम्‍परेचर एन्‍हेंसमेंट) और सीटीजीसी (कार्बन डाईऑक्‍साइड थर्मल ग्रोथ चैम्‍बर) का उद्घाटन किया और इस अवसर पर 250 किसानों के साथ संवाद भी किया।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री ने बाजार अवसंरचना की स्‍थापना को बागवानी उत्‍पाद की प्रत्‍यक्ष बिक्री की अनुमति देने वाले एपीएमसी कानून के सुधारों के साथ जोड़ा गया है। श्री सिंह ने कहा, ‘’हालांकि हमने उत्‍पादन में काफी सफलता हासिल की है, उसे किसानों के लिए लाभ में परि‍वर्तित करने की चुनौती मौजूद है।

हमें खेत से खाने की मेज तक सुदृढ़ कोल्‍ड चेन सिस्‍टम स्‍थापित करने के लिए हमें अभी काफी फासला तय करना बाकी है। इसलिए फसल के बाद प्रबंधन और मूल्‍य वर्धन के लिए अवसंरचना की स्‍थापना कोल्‍ड चेन नेटवर्क की स्‍थापना पर फोकस सहित उच्‍च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।‘’ उन्‍होंने कहा कि बागवानी उत्‍पादन और फसल संबंधी कार्यकलापों में दक्षता लोने के लिए बागवानी यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
 

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