“मोहन मिश्रा” कौन है? कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय में यह सामान्य चर्चा है. सचिवों से लेकर संयुक्त सचिव और नीचे के अधिकारियों के लिए यह अनसुना नाम पता लगाने की कोशिश कर रहे.
उसका नाम केंद्रीय मंत्री रधामोहन सिंह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक ले रहे थे. मंत्री ने अचानक पूछा “मोहन मिश्रा के मामले का क्या हुआ”. वहां सन्नाटा छा गया क्योंकि नौकरशाहों में से किसी ने इस नाम को नहीं सुना था.
बात NCCT के सचिव मोहन मिश्र को एनसीयूआई में वापस बुलाने पर उठी थी. एनसीयूआई की गवर्निंग काउंसिल शीर्ष सहकारी निकाय में कार्मिकों की कमी की स्थिति से उबरने के लिए बाहर विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्ति पर अपने कर्मचारी को वापस बुलाने के लिए फैसला किया गया.
कई लोगों को इसमें राजनीतिक चाल दिखाई देती है जो NCCT से मिश्रा को हटाने के उद्देश्य से चलते हैं. कहा जाता है कि मिश्रा राजनीतिक दबाव के आगे नही झुकते और अपने ढंग से काम करते हैं जो शासी निकाय के सदस्यों को पसंद नहीं है और उनके खिलाफ खुलेआम बोलते हैं.
NCCT के नियंत्रण में कई सहकारी प्रबंधन संस्थान हैं जहां स्थानांतरण पोस्टिंग का एक बड़ा खेल चलता है. जाहिर है मिश्रा केवल अपनी पसंद के लोगों को या मंत्रालय के समर्थन वाले लोगों की मदद करेंगे. वह एनसीयूआई के बड़े लोगों को भाव नहीं देते हैं.
मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में उभरा मुद्दा है एनसीयूआई में मिश्रा के स्थानांतरण की शासी परिषद की सिफारिश को रद्द करना. सचिव ने जल्दी ही मामले की जांच करने के लिए अपने संयुक्त सचिव को कहा है.