डेयरी

अमूल प्रतिकूल निर्यात नीति से ग्रस्त

जीसीएमएमएफ ने 2012-13 में 13,750 करोड़ रुपये की बिक्री राजस्व के साथ 18 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। जीसीएमएमएफ प्रसिद्ध डेयरी ब्रांड अमूल का मालिक है।

सोमवार को जीसीएमएमएफ के किसी भी अधिकारी से टिप्पणी नही मिल सकी। हालांकि, सहकारी सूत्रों ने बताया कि डेयरी 14,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर सकता है। अमूल करीब एक दिन में 125 लाख लीटर अर्थात् 10% दूध अन्य राज्यों के अपने नेटवर्क के माध्यम से खरीदता है।

अब, जीसीएमएमएफ झारखंड में एक सहकारी डेयरी के विकास की संभावना तलाश रही है। गुजरात की डेयरी सहकारी समितियों में से एक के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बिक्री कारोबार स्किम्ड दूध पाउडर (एसएमपी) और मक्खन तेल के विशाल भंडारके कारण 2012-13 में 14,500 करोड़ रुपये को पार कर गया। “उनके पास उसको बेचने का अवसर था लेकिन प्रतिकूल निर्यात नीतियों के कारण ऐसा करने में सक्षम नहीं हो सकें,” उन्होंने कहा। उद्योग सूत्रों के मुताबिक अमूल के पास 65,000 टन एसएमपी और 30,000 टन से अधिक मक्खन और घी के स्टॉक है।

इससे पहले बातचीत में जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष विपुल चौधरी ने कहा था कि डेयरी संयंत्रों से अपनी क्षमता का 30% विस्तार करने के लिए दूध खरीद बढ़ा रही है जिसमें प्रति दिन 200 लाख लीटर दूध की खरीद पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अपनी महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए, जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड के तहत अन्य बाजारों में तरल दूध का विस्तार कर रहा है जबकि यह बेहतर मार्जिन के लिए मूल्य वर्धित उत्पादों की बिक्री पर जोर दे रहे है।

इस बीच अमूल समूह के बिक्री कारोबार 17 जिला सहकारी समितियों से करीब 32 लाख किसानों द्वारा स्वामित्व वाली लगभग 20,000 करोड़ रुपये का अनुमान है, जब सदस्यों के जिला सहकारी समितियों के स्थानीय और पशु फ़ीड व्यापार को खाते में ले लिया गया है।

–ईटी

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close