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आरबीआई ने रुपया सहकारी बैंक के लिए दिशा-निर्देश तय किए

भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपया सहकारी बैंक पुणे,महाराष्ट्र में स्थित बैंक के निर्देशों के तहत रखा है।

दिशा-निर्देशों के अनुसार जमाकर्ताओं को हर बैंक से अधिक कुल बेलेंस से बचत खाता,चालू खाता या किसी अन्य जमा खाते में निर्धारित एक हजार रुपए की राशि को वापस लेने की अनुमति दी जाएगी। शर्तों के अधार पर रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के आधार पर निर्धारित किया गया है।

रुपया सहकारी बैंक पर रिजर्व बैंक की ओर से लिखित रूप में पूर्व अनुमोदन के बिना किसी भी ऋण और अग्रिम अनुदान या नवीनीकृत करने के लिए सक्षम नहीं है, किसी भी निवेश, धन की उधार और ताजा जमा की स्वीकृति सहित किसी भी दायित्व को अपने ऊपर लेना,भुगतान चुकाना या किसी भी सहमति से भुगतान चुकाना अपनी देनदारियों और दायित्वों के निर्वहन में या अन्यथा किसी भी समझौते में या व्यवस्था में प्रवेश करना और बेचना,हस्तांतरण करना या अपनी संपत्ति के लिए 21 फरवरी, 2013 को आरबीआई ने इन सबके निपटान के लिए दिशा-निर्देश की अधिसूचना जारी की।

दिशा-निर्देश 22 फरवरी,2013 को कारोबार की समाप्ति के कारण जारी किया गया है।

रिजर्व बैंक ने हालांकि स्पष्ट किया है कि रिजर्व बैंक के निर्देशों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि रुपया सहकारी बैंक को बैंकिंग कारोबार शुरू करने के लिए प्रतिबंध के साथ अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने के लिए जारी किया गया है। रिजर्व बैंक इन परिस्थितियों के आधार पर दिशा-निर्देशों के संशोधनों पर विचार कर सकता हैं।

इससे पूर्व,म्यूनिसिपल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड,अहमदाबाद पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 14 अगस्त, 2013 को दिशा-निर्देश लगाये गए थे।

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