
सहकारिता मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अतिरिक्त सचिव पंकज कुमार बंसल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जा रही सहकारी क्षेत्र की प्रमुख पहलों की प्रगति का आकलन किया गया।
बैठक में मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन और रमन कुमार, निदेशक कुमार राम कृष्णा सहित सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
अतिरिक्त सचिव बंसल ने कहा कि “सहकार से समृद्धि” के विजन के तहत सहकारी आंदोलन समावेशी विकास और ग्रामीण समृद्धि का मूल आधार है। उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल, सहकारी संस्थाओं के डिजिटलीकरण में तेजी, पारदर्शिता बढ़ाने और प्रगति की निगरानी के लिए कुशल तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य सहकारी संस्थाओं को पेशेवर रूप से संचालित, जीवंत और जन-सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में विकसित करना है। बैठक में प्रमुख योजनाओं जैसे प्राथमिक कृषि साख समितियों के कंप्यूटरीकरण, रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज कार्यालयों के डिजिटल एकीकरण और सहकारी क्षेत्र में विश्व के सबसे बड़े अनाज भंडारण परियोजना के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक में पंचायत स्तर पर नई बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन तथा मॉडल उपविधियों को लागू करने की दिशा में राज्यों की प्रगति पर भी चर्चा हुई।
बैठक में राज्यों को सलाह दी गई कि वे अपनी राज्य और जिला सहकारी विकास समितियों की नियमित बैठकें आयोजित करें, सर्वोत्तम प्रथाएँ साझा करें और एनसीडीसी, नाबार्ड तथा एनसीयूआई जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर क्षमता निर्माण एवं परियोजना सहायता पर कार्य करें।
बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि नवाचार, प्रौद्योगिकी और जनसहभागिता के माध्यम से सहकारिताओं को ग्रामीण परिवर्तन का सशक्त माध्यम बनाया जाएगा।



