
नई दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को केवल उत्पादक नहीं, बल्कि उद्यमी और व्यापारी बनने का आह्वान किया ताकि खेती से अधिकतम लाभ सीधे किसानों तक पहुंच सके।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि खेती न केवल आजीविका का माध्यम है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा का भी आधार है।
मंत्री ने कहा कि किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए उत्पादन और उपभोक्ता मूल्य के बीच की खाई को पाटना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही नया सीड एक्ट लाने जा रही है, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिल सकें। नकली और घटिया बीज व कीटनाशक बेचने वालों के खिलाफ सरकार कड़े कानून बनाएगी।
उन्होंने एफपीओ को छोटे किसानों की शक्ति बताते हुए कहा कि इन संगठनों के जरिए किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बाजार से सीधे जोड़ने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जाएंगे। चौहान ने एफपीओ को वैल्यू एडिशन और प्रोसेसिंग पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, ताकि किसान अपनी उपज से अधिक मूल्य अर्जित कर सकें।
समागम में 24 राज्यों के 140 जिलों से आए 500 से अधिक प्रगतिशील किसान, एफपीओ, कार्यान्वयन एजेंसियां और सीबीबीओ प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी और अतिरिक्त सचिव मनिंदर कौर द्विवेदी भी उपस्थित थीं।
एनसीडीसी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में 267 एफपीओ द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर विविध कृषि उत्पादों, अनाज, तिलहन, फल-सब्जियां और प्रसंस्कृत वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई। चौहान ने स्वयं किसानों से संवाद कर उनके नवाचारों की सराहना की।
कार्यक्रम में आयोजित तकनीकी सत्रों में तिलहन उत्पादन, प्राकृतिक खेती, कृषि अवसंरचना कोष, डिजिटल मार्केटिंग और बीज उत्पादन जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।
यह आयोजन किसान उद्यमिता, तकनीकी सशक्तिकरण और बाजार संपर्क को नई दिशा देने वाला साबित हुआ है।



