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एनसीईएल और एपीडा ने सहकारी कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया एमओयू

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य भारत के सहकारी आधारित कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है।

यह कार्यक्रम सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जो केंद्र सरकार की सहकारिता मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच समन्वय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समझौता ज्ञापन पर एपीडा की ओर से अध्यक्ष अभिषेक देव और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की ओर से प्रबंध निदेशक अनुपोम कौशिक ने हस्ताक्षर किए।

डॉ. भूटानी ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के नेटवर्क को एपीडा की निर्यात सुविधा से जोड़ने से किसानों को बेहतर मूल्य, ग्रामीण आजीविका में मजबूती और भारत की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिति सुदृढ़ होगी।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय सहकारी संस्थाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड और एपीडा साझेदारी के माध्यम से क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, निर्यात हेतु गुणवत्ता मानकीकरण, अवसंरचना सहयोग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी, ब्रांडिंग, बाजार स्थिति निर्माण, बाजार बुद्धिमत्ता और वस्तु-विशेष निर्यात रणनीति निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन के तहत सहकारी समितियों को संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से वैश्विक गुणवत्ता मानकों, खाद्य सुरक्षा और निर्यात डोक्युमेंटेशन की समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।

सहकारिता मंत्रालय के अपर सचिव पंकज कुमार बंसल ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एपीडा की तकनीकी विशेषज्ञता और नीतिगत सहयोग के साथ राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड को सशक्त बनाता है, जिससे इसके सदस्य नए बाजारों तक पहुँच और प्रीमियम मूल्य सुरक्षित करने में सक्षम होंगे।

यह समझौता ज्ञापन एक सशक्त और प्रतिस्पर्धी सहकारी निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के नेटवर्क और एपीडा की बाजार पहुंच क्षमताओं को जोड़कर यह साझेदारी किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ प्रदान करेगी, भारत के निर्यात पोर्टफोलियो को बढ़ाएगी और नई राष्ट्रीय सहकारी नीति 2025 के उद्देश्यों के अनुरूप सहकारी आंदोलन के योगदान को सुदृढ़ करेगी।

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