
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जयपुर में आयोजित ‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ में राजस्थान के विभिन्न जिलों के 8 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष भूटानी भी मौजूद थे।
शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना का उद्देश्य गांव, गरीब और किसान तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि देश में 8.5 लाख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से 31 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि चार वर्षों में मंत्रालय ने 61 नई पहलें की हैं। दो लाख नए पैक्स की स्थापना की जा रही है, जिनमें से 40 हजार बन चुके हैं। सभी पैक्स का कम्प्यूटरीकरण पूरा हो गया है। कार्यक्रम में 24 अन्न भंडारण गोदाम और 64 मिलेट आउटलेट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण वितरण और माइक्रो एटीएम का वितरण भी हुआ।
इस मौके पर दो उत्कृष्ट पैक्स का सम्मान किया गया और श्वेत क्रांति 2.0 के तहत पीडीसीएस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई। जल संरक्षण और गरीबी उन्मूलन से जुड़ी कहानियों के संकलन का विमोचन भी किया गया।
राजस्थान पुलिस और सशस्त्र बलों को 100 नए वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। शाह ने कहा कि राजस्थान कृषि उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है। ग्वार, सरसों, बाजरा, तिलहन और मिलेट्स के उत्पादन में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में गेहूं, चना, मूंगफली और सरसों की एमएसपी में 70% से अधिक की वृद्धि हुई है।
अमित शाह ने बताया कि ऊंटों की नस्ल के संरक्षण और ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर सहकारिता के माध्यम से रिसर्च हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजन लाल के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि कम समय में राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिनमें पेपर लीक माफिया पर सख्त कार्रवाई और निवेश के लिए एमओयू शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में 450 रुपये में गैस सिलिंडर, जल जीवन मिशन के तहत नल से जल और कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। शाह ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं।
उन्होंने देश की सुरक्षा को लेकर भी कहा कि अब कोई भारत की सीमा, सेना या नागरिकों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता। उरी, पुलवामा और पहलगाम जैसे हमलों का सख्त जवाब दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में अमित शाह ने राजस्थान की वीर भूमि को नमन किया और उम्मीद जताई कि 2047 तक राजस्थान का सहकारी क्षेत्र देश में सबसे आगे होगा।