
सारस्वत कोऑपरेटिव बैंक ने वित्त वर्ष 2024–25 में एक बार फिर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को और सुदृढ़ किया है।
31 मार्च 2025 तक बैंक का कुल व्यवसाय बढ़कर 91,814 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 82,025 करोड़ रुपये था। इस वृद्धि में जमा राशि 55,481 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष 49,457 रुपये करोड़) और ऋण वितरण 36,333 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष 32,567 करोड़ रुपये) का प्रमुख योगदान रहा।
बैंक ने अपने इतिहास का सर्वाधिक शुद्ध लाभ अर्जित करते हुए 518.25 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के 502.99 करोड़ रुपये से अधिक है। सारस्वत बैंक ने लगातार तीसरे वर्ष शून्य नेट एनपीए बनाए रखते हुए अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर में एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। बैंक का ग्रॉस एनपीए 2.25% रहा।
पूंजी पर्याप्तता अनुपात 17.41% रहा, जो कि आरबीआई द्वारा निर्धारित न्यूनतम 13% से कहीं अधिक है। बैंक के ऑन फंड भी बढ़कर 5,484.91 करोड़ रुपये हो गए हैं, जो पिछले वर्ष 5,118.87 करोड़ रुपये थें।
बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने कहा, “मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और परिचालन कुशलता के बल पर सारस्वत बैंक ने देश के सबसे बड़े अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के रूप में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी है। बैंक की सफलता के पीछे सशक्त प्रक्रियाएं, सुदृढ़ नियंत्रण, उत्कृष्ट परिसंपत्ति गुणवत्ता और ग्राहक सेवा का प्रमुख योगदान है।”
उन्होंने आगे कहा, “अपने स्लोगन ‘बिल्डिंग ट्रस्ट एक्रोस जनरेशन’ के अनुरूप, सारस्वत बैंक भरोसे, ईमानदारी और सेवा की नींव पर खड़ा है। यह बैंक कई पीढ़ियों से ग्राहकों का विश्वास जीतता आ रहा है।”
बैंक की रणनीति हमेशा तेजी से विकास और मजबूत वित्तीय अनुपात को संतुलित रूप से आगे बढ़ाने की रही है। 91,814 करोड़ रुपये के कुल व्यापार को हासिल करने के बाद अब बैंक का अगला लक्ष्य है 1,00,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े को छूना।
बैंक ने अपने संपूर्ण अस्तित्व में लगातार मुनाफा कमाया है और लाभांश वितरित किया है। सारस्वत बैंक की 311 शाखाएं आठ राज्यों — महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक — में फैली हुई हैं, और 5,000 से अधिक उत्साही कर्मचारियों की टीम इसे संचालित कर रही है।