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टीजेएसबी सहकारी बैंक को सरकारी लेन-देन की अनुमति

महाराष्ट्र के वित्त विभाग ने टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड को वित्त वर्ष 2025-26 में कुछ सरकारी लेन-देन करने की अनुमति दे दी है।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में टीजेएसबी सहकारी बैंक के अध्यक्ष शरद गंगल ने कहा कि यह मंजूरी राज्य सरकार के साथ लगभग तीन वर्षों से चल रहे लगातार फॉलो-अप का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हमने लगभग तीन वर्ष पहले इस संबंध में पत्राचार शुरू किया और सरकार से बार-बार अनुरोध किया कि सहकारी बैंकों को सरकारी लेन-देन करने की अनुमति देने के लिए उचित और पारदर्शी मानदंड तय किए जाएं। यह मंजूरी हमारे निरंतर प्रयास और विश्वसनीय प्रदर्शन में विश्वास को दर्शाती है।”

गंगल ने इसे टीजेएसबी बैंक और पूरे अर्बन सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक बड़ा मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुमति अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मौके पर आई है, जो काफी उल्लेखनीय है।

उन्होंने यह भी कहा कि पीएमसी बैंक संकट के बाद पहली बार किसी अर्बन सहकारी बैंक को सरकारी लेन-देन करने की अनुमति दी गई है। गंगल ने कहा, “पीएमसी बैंक से पहले कई सरकारी संस्थाएं हमारे साथ बैंकिंग करती थीं। यह निर्णय फिर से सरकारी संस्थाओं के लिए अर्बन सहकारी बैंक के साथ जुड़ने के द्वार खोलता है और हमें राज्य द्वारा दिखाए गए विश्वास के लिए गर्व है।”

गंगल ने आगे कहा कि बैंक अब महाराष्ट्र के अन्य प्रमुख अर्बन सहकारी बैंकों को भी सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना चाहता है।

सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, टीजेएसबी सहकारी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय स्थायित्व और नियामक मानकों के अनुसार “वित्तीय रूप से मजबूत और अच्छी तरह प्रबंधित अर्बन सहकारी बैंक” के रूप में आंका गया है।

सरकार ने बैंक को 2025-26 में कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों के लिए पात्रता प्रदान की है। अब टीजेएसबी सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्ते के लिए ड्रॉइंग और डिसबर्सिंग ऑफिसर के खाते खोल सकता है, साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन खाते भी खोल सकता है।

इसके अतिरिक्त, बैंक राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों के अधिशेष निधियों का निवेश कर सकता है और सरकारी कार्यालयों एवं राज्य संचालित संस्थाओं से संबंधित सभी प्रकार के बैंकिंग लेन-देन कर सकता है। यह अनुमति एक वर्ष के लिए वैध रहेगी या जब तक आगे कोई नई सरकारी प्रस्ताव जारी नहीं होती।

सरकारी प्रस्ताव में यह भी निर्देश दिया गया है कि क्षेत्रीय अधिकारी बैंक द्वारा सभी वित्तीय, तरलता और सुरक्षा मानदंडों का लगातार पालन सुनिश्चित करें।

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