
भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशक और सहकार भारती के सह-संस्थापक सतीश मराठे ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए 2025–2030 एवं उससे आगे की दिशा निर्धारित करने वाला विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया।
विज़न डॉक्यूमेंट में ग्राहकों को किफायती और नैतिक बैंकिंग समाधान उपलब्ध कराने, आत्म-सहायता और सहकारिता की भावना को बढ़ावा देने, डिजिटल तकनीकों के माध्यम से पारदर्शी और सक्षम संचालन सुनिश्चित करने, तथा छोटे उद्यमियों, वेतनभोगी वर्ग और सूक्ष्म इकाइयों के लिए वित्तीय समावेशन को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया है।
डॉक्यूमेंट में 12–15 प्रतिशत वार्षिक व्यावसायिक वृद्धि, एमएसएमई, हाउसिंग, सेवा और रिटेल सेक्टर में ऋण पोर्टफोलियो का विविधीकरण, और शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में चयनित शाखा विस्तार को शामिल किया गया है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर विशेष बल देते हुए, इसमें पूर्णतः एकीकृत कोर बैंकिंग सिस्टम, मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, यूसीआई, एनईएफ़टी/आरटीजीएस, डिजिटल लोनिंग और मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे के विकास की योजना शामिल है। फिनटेक साझेदारियों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्तीय सुदृढ़ता के तहत पूंजी पर्याप्तता अनुपात को नियामकीय मानकों से ऊपर बनाए रखना, जोखिम प्रबंधन और अनुपालन तंत्र को मजबूत करना, तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु समयबद्ध खुलासे करना मुख्य लक्ष्य हैं। पूंजी जुटाने के लिए शेयर पूंजी अभियान, दीर्घावधि जमा, टियर-II बॉन्ड और अधीनस्थ ऋण जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
मानव संसाधन विकास में क्षमता-विकास कार्यक्रम, प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन, युवा नेतृत्व और लैंगिक विविधता को बढ़ावा देना शामिल है। सदस्यों और ग्राहकों से जुड़ाव के लिए वित्तीय साक्षरता, संवाद कार्यक्रम और बेहतर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किए जाएंगे।
2030 और उससे आगे के दीर्घकालिक लक्ष्यों में बहु-सेवा आधारित प्रमुख यूसीबी बनना, डिजिटल-फर्स्ट मॉडल के तहत 80% से अधिक लेनदेन वैकल्पिक चैनलों से करना, शून्य धोखाधड़ी घटनाएँ और न्यूनतम एनपीए हासिल करना, तथा सुशासन और नवाचार का मानक बनना शामिल है।
रणनीतिक योजना समिति द्वारा तिमाही समीक्षा, वार्षिक एक्शन प्लान, विभागवार प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) और सदस्य संचार रिपोर्टिंग लागू करने की प्रणाली भी दस्तावेज़ में निर्धारित की गई है।



