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सहकारी नीति में सुधार के लिए उच्च-स्तरीय समिति का गठन: महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सहकार नीति 2025 के अनुरूप राज्य की सहकारी नीति की समीक्षा और आधुनिकीकरण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की है।

इस समिति की अध्यक्षता राज्य के सहकार मंत्री करेंगे। समिति को राष्ट्रीय सहकार नीति 2025 के सभी पहलुओं का अध्ययन कर दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी होंगी।

सरकार की यह पहल राज्य में सहकारी संस्थाओं को सशक्त करने, सुशासन को बढ़ावा देने और संस्थागत दक्षता को मजबूत करने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे महाराष्ट्र के सहकारी क्षेत्र को एक सुदृढ़ नीतिगत ढांचा मिलेगा, जो इसे प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के प्रति उत्तरदायी बनाएगा।

समिति में राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और सहकारी क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इनमें मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकार), सचिव (सहकार) और आयुक्त एवं निबंधक, सहकारी संस्थाएं, पुणे प्रमुख रूप से शामिल हैं।

समिति में देशभर के सहकारी और शैक्षणिक संस्थानों से विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। इनमें सतीश मारथे (निदेशक, आरबीआई सेंट्रल बोर्ड), वी. वी. सुधीर (निदेशक, एनसीसीटी), सुवकंता मोहंती (निदेशक, वैमनिकॉम), मनोज कुमार (महानिदेशक, लिनाक), संध्या कपूर (निदेशक, एनसीयूआई), आनंद वेंकटरमन और राहुल कांबले (प्रोफेसर, इरमा) तथा विवेक जुगाडे (सचिव, सहकार भारती) शामिल हैं।

महाराष्ट्र के सहकारी संघों और बैंकों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया गया है। इनमें विद्याधर अनासकर (प्रशासक, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक), संजय खाताले (प्रबंध निदेशक, महाराष्ट्र राज्य सहकारी साख कारखाने महासंघ) और काकासाहेब कोयटे (अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य सहकारी क्रेडिट सोसायटी महासंघ) समेत कई प्रमुख नाम शामिल हैं।

इसके अलावा गो‍कुल डेयरी यूनियन, कोल्हापुर के चेतन नर्के, अकोला जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के डॉ. संतोष कोरपे और पुणे डीसीसीबी के दिगंबर दुर्गाडे जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी समिति का हिस्सा होंगे।

यह समिति नीति निर्माताओं, सहकारी क्षेत्र के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाकर एक भविष्यवादी सहकार नीति तैयार करने की दिशा में कार्य करेगी, जिससे शासन प्रणाली मजबूत हो, ऋण और संचालन में दक्षता आए, और नवाचार को प्रोत्साहन मिले।

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