
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड बीबीएसएसएल की तीसरी वार्षिक आम बैठक हाल ही में नई दिल्ली स्थित पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की गई।
बैठक में समिति के अध्यक्ष, निदेशक मंडल, प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के प्रतिनिधि तथा देशभर की सहकारी संस्थाओं से जुड़े सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर बीते वर्ष के प्रदर्शन की समीक्षा, आगामी रणनीतियों पर चर्चा और सहकारी एकजुटता को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में प्रतिभागियों को बीबीएसएसएल के पिछले वर्ष के उत्कृष्ट प्रदर्शन से अवगत कराया गया। संस्था ने उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों के उत्पादन एवं वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, साथ ही पैक्स नेटवर्क के माध्यम से बीजों की पहुंच को अविकसित क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया है। बैठक में वित्तीय परिणामों, भंडार सुदृढ़ीकरण तथा विभिन्न राज्यों में प्राप्त परिचालन उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में संस्था की देशी बीज प्रजातियों के संरक्षण एवं संवर्धन की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया गया, जो जैव विविधता, जलवायु अनुकूलन और खाद्य संप्रभुता जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है। इस दिशा में बीबीएसएसएल ने आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू किए हैं, जिनके तहत बीज बैंक स्थापना, किसान प्रशिक्षण एवं ब्लॉकचेन-आधारित बीज ट्रेसबिलिटी सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक का एक प्रमुख विषय राज्य सहकारी समितियों, पैक्स और केंद्रीय संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना रहा, ताकि किसानों को समय पर और समान रूप से प्रमाणित बीज उपलब्ध हो सकें।
बैठक में “सहकार से समृद्धि” के मूलमंत्र के साथ समिति की सहकारी नीतियों को दोहराया गया।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2024 में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीबीएसएसएल को वर्ष 2025–26 तक 20,000 अतिरिक्त सहकारी समितियों से जुड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने समिति से कम जल और कीटनाशक आवश्यकता वाली बीज किस्मों को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया था, जो सतत कृषि के लक्ष्य से जुड़ा हुआ है।
बैठक का समापन सहकारी बीज आंदोलन को सशक्त बनाने और उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों को अंतिम छोर तक पहुंचाने के संकल्प के साथ हुआ।