
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सीएसआईएसएसी की तर्ज पर सहकारी समितियों के विकास के लिए एक नई योजना तैयार की जा रही है। इस योजना को नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनसीडीसी) के माध्यम से लागू किया जाएगा।
इस योजना के लिए 24,000 करोड़ रुपये का प्रस्तावित प्रावधान किया गया है, जिससे 29,050 सहकारी समितियों को लाभ होगा और एक करोड़ से अधिक सदस्यों पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा।
शाह ने आगे बताया कि एनसीडीसी ने वित्तीय सहायता वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि की है। वित्त वर्ष 2020–21 में 24,733.20 करोड़ रुपये से बढ़कर यह राशि वित्त वर्ष 2024–25 में 95,182.84 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। एनसीडीसी ने पिछले चार वर्षों में 40% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है।
वित्तीय सुधारों के तहत एनसीडीसी ने फ्लोटिंग ब्याज दर प्रणाली की शुरुआत की है, जिससे टर्म लोन की ब्याज दरों में लगभग 2% की कमी आई है। शाह ने कहा, “इससे उधारकर्ताओं को बाजार की स्थिति के अनुसार कम ब्याज दरों का लाभ मिल सकेगा।” इसके अतिरिक्त, एनसीडीसी ने डिफरेंशियल रेट मैकेनिज्म लागू किया है, जिसमें उधारकर्ताओं की वित्तीय स्थिति और चुकौती क्षमता के आधार पर ब्याज दरें तय की जाती हैं।
सहकारी समितियों को आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए एनसीडीसी ने उन्हें सीजीटीएमएसई, सीजीएसएफपीओ और सीजीएफटी-एएचडी जैसी योजनाओं के तहत पंजीकरण के माध्यम से बिना गारंटी वाले ऋण लेने में सक्षम बनाया है।
मंत्री ने एनसीडीसी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच हुई रणनीतिक साझेदारी की भी सराहना की। दोनों संस्थाओं ने डेयरी सहकारिताओं को वित्तपोषण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में संयुक्त रूप से सहयोग देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य छोटे डेयरी उत्पादकों को सशक्त बनाना और किसानों की आय बढ़ाना है।
सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से एनसीडीसी अब अन्य ऋणदाताओं की परियोजनाओं का मूल्यांकन भी कर रही है, जिनके पास तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है। उदाहरणस्वरूप, एनसीडीसी ने गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की तीन प्रमुख डेयरी परियोजनाओं का मूल्यांकन किया।
इसके अलावा, एनसीडीसी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय खोला है, साथ ही जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में उप-कार्यालय स्थापित किए हैं।
शाह ने यह भी बताया कि 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन हेतु केंद्र सरकार की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत एनसीडीसी ने एफपीओ और क्लस्टर-आधारित बिजनेस ऑर्गेनाइजेशनों को 179 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। एनसीडीसी को पहले 746 एफपीओ बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उसने सहकारी समितियों अधिनियम के अंतर्गत पूरा कर लिया।