
भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा 30 जून 2025, यानी आज, भारत मंडपम, नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की ‘मंथन बैठक’ का आयोजन किया जा रहा है।
यह महत्वपूर्ण बैठक केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित होगी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी भाग लेंगे।
इस बैठक का उद्देश्य सहकारिता मंत्रालय की योजनाओं और पहलों की प्रगति की समीक्षा करना, राज्यों से सुझाव प्राप्त करना तथा “सहकार से समृद्धि” के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए सामूहिक रणनीति तैयार करना है।
बैठक में दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को लागू करने, सहकारिता में सहकार अभियान और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 में राज्यों की भागीदारी पर भी विचार किया जाएगा।
बैठक में तीन नई बहु-राज्यीय राष्ट्रीय सहकारी संस्थाएं—राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल), और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल)—की प्रगति और राज्यों की भूमिका की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही, श्वेत क्रांति 2.0, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत दलहन और मक्का उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य और कृषि उत्पादों की सस्टेनेबिलिटी जैसे विषय भी चर्चा में रहेंगे।
डिजिटल सुधारों के अंतर्गत पैक्स और रजिस्ट्रार सहकारी समितियों (आरसीएस) के कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण और राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस की उपयोगिता पर भी चर्चा होगी।
मंथन बैठक में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। साथ ही सहकारी बैंकों की वित्तीय मजबूती, साझा सेवा इकाई (एसएसई) और शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए अंब्रेला संगठन जैसे विषयों पर भी गहन मंथन होगा।
यह बैठक सहकारी संघवाद की भावना के तहत केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को और प्रगाढ़ बनाएगी तथा राज्य स्तरीय सहकारी समितियों को सशक्त आर्थिक इकाइयों में परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।