
इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने ग्रामीण मूल्य श्रृंखला विकास न्यास (एफडीआरवीसी) के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
एफडीआरवीसी, ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है, जिसे पेशेवर रूप से प्रबंधित और उत्पादक-स्वामित्व वाले सामूहिक उद्यमों (पीई) को बढ़ावा देने के लिए एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।
इस साझेदारी का उद्देश्य पूरे भारत में नवीन, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि आदान तक किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की पहुँच बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना है। इसका लाभ देश भर के 800 से अधिक एफपीओ और 10 लाख किसानों को मिलेगा।
समझौता ज्ञापन पर आधिकारिक रूप से इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार और एफडीआरवीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिपिन बिहारी ने हस्ताक्षर किए।
साझेदारी के हिस्से के रूप में, इफको एफडीआरवीसी से जुड़े एफपीओ को अभिनव नैनो उर्वरक, जैव-उत्तेजक, विशेष उर्वरक और जैविक आदान जैसे जैव-उर्वरक और जैव-अपघटक की आपूर्ति करेगा। यह पहल न केवल कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार करेगी बल्कि सामूहिक खेती के माध्यम से टिकाऊ और जलवायु-स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के सरकार के मिशन का भी समर्थन करेगी।
योगेंद्र कुमार ने कहा कि इफको देश के किसानों के लिए प्रतिबद्ध है और उन्नत प्रौद्योगिकियों तथा किसान-केंद्रित समाधानों के माध्यम से भारतीय कृषि में निरंतर क्रांति ला रहा है।
यह समझौता ज्ञापन इफको के नैनो उर्वरकों और विशेष उत्पादों की पहुंच देश के सुदूर भागों तक बढ़ाएगा, जिससे स्थानीय एफपीओ के माध्यम से छोटे किसानों तक किफायती कीमतों पर विश्व स्तरीय कृषि-आदानों की पहुंच सुनिश्चित होगी।
एफडीआरवीसी, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एफपीओ के अपने विस्तृत नेटवर्क के साथ, समुदाय-नेतृत्व वाले तंत्रों के माध्यम से अंतिम जन तक पहुँच, किसान शिक्षा और इन आदानों को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान करेगा।
यह साझेदारी एफपीओ की संस्थागत क्षमताओं का निर्माण करने और उन्हें आत्मनिर्भर ग्रामीण उद्यम बनने के लिए तैयार करने में भी मदद करेगी।
यह साझेदारी नवाचार को बढ़ावा देने, आदानों की पहुंच में सुधार लाने और छोटे और सीमांत किसानों के बीच लचीलेपन को बढ़ावा देने के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में समावेशी विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।