
राजस्थान स्थित जालोर नागरिक सहकारी बैंक ने वित्त वर्ष 2024–25 में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 750 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है।
बैंक की जमा राशि में 76 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के 374.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 450.62 करोड़ रुपये हो गई—यह 20.31% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। इसी तरह ऋण वितरण (अग्रिम) में 50.95 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जो 20.29% की वृद्धि के साथ 302.07 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
बैंक ने वर्ष के दौरान दो नई शाखाएं खोलकर अपनी शाखाओं की कुल संख्या 18 कर ली है। कर्मचारियों की संख्या भी 111 से बढ़कर 129 हो गई है, जिससे सेवा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार हुआ है। वहीं, सदस्य संख्या बढ़कर 19,193 हो गई।
निवेश और कार्यशील पूंजी के मामले में भी बैंक ने मजबूती दिखाई है। कुल निवेश 165.81 करोड़ रुपये से बढ़कर 192.62 करोड़ रुपये हो गया, जबकि कार्यशील पूंजी में 18.98% की वृद्धि दर्ज की गई और यह 555.65 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
पूंजी आधार की बात करें तो, बैंक की अपनी पूंजी बढ़कर 66.15 करोड़ रुपये, जबकि नेट वर्थ बढ़कर 62.49 करोड़ रुपये हो गई—जो 13.57% की वृद्धि है। शेयर पूंजी बढ़कर 16.25 करोड़ रुपये और कुल रिजर्व 46.93 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे बैंक की वित्तीय स्थिति और भी सुदृढ़ हुई है।
बैंक ने 6.76 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष के 6.56 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है। हालांकि सकल एनपीए बढ़कर 5.07 करोड़ रुपये हुआ, फिर भी नेट एनपीए शून्य बनाए रखने में बैंक सफल रहा।
बैंक की इस स्थिर और प्रभावशाली वृद्धि के पीछे इसके चेयरमैन मोहन पाराशर का दूरदर्शी नेतृत्व है। वह राजस्थान स्टेट अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स फेडरेशन के चेयरमैन होने के साथ-साथ नेफकॉब (यूसीबी क्षेत्र की राष्ट्रीय संस्था) के निदेशक मंडल के सदस्य भी हैं।