
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने औरंगाबाद स्थित अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग लाइसेंस 21 अप्रैल 2025 को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को समाप्त करने का आदेश जारी करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है।
आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही भविष्य में आय अर्जित करने की संभावनाएं, जिसके कारण यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के विभिन्न प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ रहा है।
बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल पाई गई है, और यदि इसे बैंकिंग गतिविधियां जारी रखने की अनुमति दी जाती, तो इससे जनहित को गंभीर नुकसान पहुंच सकता था।
लाइसेंस रद्द होने के बाद, बैंक को जमाएं स्वीकार करने या वापस करने सहित किसी भी प्रकार का बैंकिंग कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
हालांकि, जमाकर्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि परिसमापन की प्रक्रिया के बाद प्रत्येक जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की राशि डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के तहत जमा बीमा योजना के अंतर्गत प्राप्त करने का पात्र होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 91.55% जमाकर्ता अपनी संपूर्ण जमा राशि प्राप्त करने के योग्य हैं।
डीआईसीजीसी ने 3 अप्रैल 2025 तक बैंक के पात्र जमाकर्ताओं को 275.22 करोड़ रुपये की बीमाकृत राशि का भुगतान भी कर दिया है।