
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने इस वेबिनार में भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए इसे सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट के रूप में उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये सीधे 11 करोड़ किसानों के खातों में भेजे गए हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
उन्होंने पीएम धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा को रेखांकित किया, जिसके तहत 100 सबसे कम उत्पादक कृषि जिलों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने भारत के कृषि उत्पादन में वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 10-11 साल पहले कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन था, जो अब 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार आधुनिक बीजों और संकर किस्मों को बढ़ावा दे रही है ताकि भारत अरहर, उड़द और मसूर में आत्मनिर्भर बन सके।
मोदी ने बताया कि पिछले दशक में आईसीएआर ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए 2,900 से अधिक नई फसल किस्में विकसित की हैं, जो किसानों को जलवायु परिवर्तन और बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने में मदद करेंगी। उन्होंने बीज मिशन की घोषणा करते हुए निजी क्षेत्र को इसमें भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन, बागवानी और डेयरी क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। उन्होंने लखपति दीदी योजना का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
प्रधानमंत्री ने वेबिनार में सभी हितधारकों से सुझाव और सहयोग की अपील की ताकि बजट की घोषणाओं को तेजी से लागू किया जा सके और गांवों की समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
इस वेबिनार में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य और जिला सहकारी बैंक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधियों सहित देशभर के किसानों ने भाग लिया।