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शाह ने एनसीडीसी की भूमिका को सराहा; 1 लाख करोड़ रुपये का दिया लक्ष्य

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित किया।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि एनसीडीसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के 60 करोड़ ऐसे लोगों, जिनके पास पूंजी नहीं है, की आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, अपने गठन के बाद से, सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पिछले 27 महीनों में 52 पहल की हैं।

शाह ने कहा कि एऩसीडीसी भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है और सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी घटक को अपने ऋण के साथ जोड़कर वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

उन्होंने बताया कि एनसीडीसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता संवितरित की है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी चालू वित्तीय वर्ष में वित्तीय सहायता के वितरण में 2013-14 में वितरित 5,300 करोड़ रुपये से 10 गुना वृद्धि हासिल करने की ओर अग्रसर है।

शाह ने कहा कि इतने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ मुझे विश्वास है कि एनसीडीसी वर्ष 2023-2024 के लिए तय किए गए 50,000 करोड़ रुपये रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि निगम का शुद्ध एनपीए 2022-23 में 99% से अधिक ऋण वसूली दर होने के साथ ‘शून्य’ पर बना हुआ है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी को प्रत्येक तिमाही के लक्ष्यों के साथ-साथ अगले 3 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी को कम दरों पर कर्ज़ लेने के ज़रिए ढूंढने चाहिएं और ब्याज दर कम रखते हुए सहकारिता क्षेत्र को ऋण देना चाहिए। एनसीडीसी का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं बल्कि सहकारिता क्षेत्र के समग्र विकास का होना चाहिए।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी को निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़ें। एनसीडीसी को शहरी सहकारी बैंक के प्रस्तावित छत्र संगठन में इक्विटी का पहला योगदानकर्ता भी होना चाहिए।

शाह ने कहा कि एनसीडीसी की क्षमता को पहचानते हुए इसे सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना के तहत परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। एनसीडीसी भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है, जो एफपीओ के रूप में नई सहकारी समितियों का पंजीकरण और उन्हें समर्थन प्रदान करती है।

एनसीडीसी प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछली किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) के गठन और संवर्धन के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी भी है, उन्होंने कहा।

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