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अमूल की 49वीं एजीएम आयोजित; टर्नओवर 72000 करोड़ रुपये के पार

अमूल ब्रांड के नाम से दूध और डेयरी उत्पाद बेचने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) ने पिछले सप्ताह शनिवार को अपनी 49वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया।

बैठक के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीसीएमएमएफ ने 72,000 करोड़ के टर्नओवर को पार किया है। और इसी के साथ अमूल भारत का सबसे बड़ा एफएमसीजी ब्रांड बन गया है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने त्रिभुवन दास पटेल और वर्गीस कुरियन जैसे दिग्गज सहकारी नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि हम उनके अथक प्रयासों के कारण लगातार नई बुलंदियों को छू रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गुजरात के डेयरी किसानों ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जिसके बारे में बहुत कम लोग सपना देख सकते हैं। “हमारा लक्ष्य दुनियाभर में ग्राहकों तक पहुंचना और आने वाले दो से तीन साल में 1 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर (कारोबार) का लक्ष्य हासिल करना है”, पटेल ने कहा।.

जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने क्षेत्रीय विकास का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2022-23 में अमूल पेय पदार्थ में 34 प्रतिशत व आइसक्रीम रेंज में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

उन्होंने आगे कहा कि अमूल मक्खन में 19% की वृद्धि हुई, जबकि अमूल घी उपभोक्ता पैक में 9% से अधिक की वृद्धि हुई।

जीसीएमएमएफ के उपाध्यक्ष वालमजी हम्बल ने कहा कि अमूल की योजना देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचने की है और इस दिशा में अमूल एक रणनीति बना रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अमूल की मौजूदगी अब तक 50 देशों में है।

हम्बल ने इस अवसर पर सहकारिता के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने और अमित शाह को इसका मंत्री नियुक्त करने के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद भी किया। तीन नवगठित मल्टीस्टेट सहकारी समितियों के बारे में बात करते हुए हम्बल ने कहा कि अमूल उनमें से दो में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

जीसीएमएमएफ से जुड़े 18 सदस्य संघों के पास गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख से अधिक पशुपालक सदस्य हैं। प्रतिदिन औसतन 270 लाख लीटर दूध की खरीदी की जा रही है। भारत के प्रमुख महानगरों में दूध और दुग्ध उत्पाद की मांग को पूरा करने के लिए जीसीएमएमएफ के सदस्य संघों ने 98 डेयरी संयंत्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है।

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