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मणिपुर हिंसा: सहकारी समितियां क्षतिग्रस्त; राज्य को-ऑप बैंक लूट का शिकार

मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के कारण सहकारिता क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सहकारी समितियों पर हमलों ने राज्य के सहकारिता आंदोलन को झकझोर कर रख दिया है।

पिछले कुछ दिनों से सहकारी संस्थाओं पर हमले की खबरें आ रही हैं। उग्रवादियों ने मणिपुर राज्य सहकारी बैंक की चुराचंदपुर शाखा को लूट लिया।

इस बीच, मणिपुर राज्य सहकारी संघ की प्रतिनिधि सुश्री जीना पोत्संगबम ने दिल्ली का दौरा किया। उन्होंने एनसीयूआई अध्यक्ष दिलीप संघानी से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया।

बाद में, भारतीय सहकारिता से बात करते हुए पोत्संगबम ने कहा, “मणिपुर में सहकारी समितियों को हिंसा के कारण बड़ा नुकसान हो रहा है। एनसीयूआई और स्वयं सहायता समूहों की दो क्षेत्रीय परियोजनाएं इसका खामियाजा भुगत रही हैं।”

“हिंसा के कारण न केवल सहकारी समितियों के दिन-प्रतिदिन के कार्य बाधित हो रहे हैं बल्कि सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों भी जान जोखिम में डालकर काम पर आ रहे हैं। राज्य के सहकारिता क्षेत्र को बचाने के लिए सहकारी नेताओं और अन्य लोगों को सामूहिक प्रयासों करने होंगे”, उन्होंने कहा।

मणिपुर स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के डीजीएम ने कहा, ‘हिंसा की वजह से हमें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चुराचांदपुर में हमारी एक शाखा से उग्रवादियों ने लगभग 11.77 लाख नकद की लूट की।”

“इसके अलावा, कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरे, गार्ड की लाइसेंसी बंदूक, काउंटिंग मशीन और अन्य सामान को भी लूट लिया। मणिपुर में हमारी 13 शाखाएं हैं, लेकिन केवल 12 ही संचालन में हैं और हिंसा के कारण तीन शाखाओं को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया गया है। हमारे बैंक के कर्मचारी जोखिम भरे माहौल में भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं”, डीजीएम ने कहा।

सहकार भारती मणिपुर इकाई के अध्यक्ष खुंद्रकपम रामानंदो ने कहा, “सहकारिता सहित सभी क्षेत्रों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मणिपुर में लगभग 12,000 को-ऑप्स और तीन मल्टी स्टेट को-ऑप्स हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में सहकारी समितियां राज्य की विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 

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