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एनसीपी पैनल गवर्नर के साथ; नेशनल को-ऑप बैंक ऑफ इंडिया पर चर्चा

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास से मुलाकात की।

बैठक के दौरान, प्रभु के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय सहकारी नीति के मसौदे पर आरबीआई गवर्नर के साथ चर्चा की। इस मौके पर एनसीपी पैनल के कुछ सदस्य मौजूद थे।

बैठक के तुरंत बाद, प्रभु ने एक ट्वीट कर इसका विवरण साझा किया। उन्होंने लिखा, “आरबीआई गवर्नर श्री शक्तिकांत दास जी के साथ सहकारिता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करके अच्छा लगा। हमें आर्थिक विकास को गति देने और समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करने के लिए सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। #सहकारिता #सशक्तिकरण”।”

इस बीच, भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, प्रतिभागियों में से एक ने कहा, “आधे घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में राष्ट्रीय सहकारी नीति के मसौदे की तैयारी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।”

“हमने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को राष्ट्रीय सहकारी नीति के मसौदे में प्रस्तावित नेशनल कोऑपरेटिव बैंक ऑफ इंडिया के निर्माण पर जानकारी दी, जो नाबार्ड के समान होगा। इसे आरबीआई लाइसेंस के साथ स्थापित किया जाएगा”, उन्होंने कहा।

उन्होंने आगे कहा, “सहकारिता क्षेत्र को जीवंत बनाने और जमीनी स्तर पर पैक्स को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। प्रतिनिधियों के बीच विभिन्न विचारों का आदान-प्रदान हुआ, जिसे एनसीपी के मसौदे में शामिल किया जाएगा।

इस मौके पर नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता, डी कृष्णा, अनूप कुमार, अपर मुख्य सचिव, आईआरएमए के निदेशक उमाकांत दास सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

बताया जा रहा है कि नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदे जल्द ही तैयार हो जाएगा। इसके लिए पुणे स्थित वामनिकॉम हेमा यादव के मार्गदर्शन में हितधारकों के जरूरी सुझावों को मसौदे में शामिल करने में व्यस्त है।

राष्ट्रीय सहकारी नीति के मसौदे में राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय, उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय सहकारी भर्ती बोर्ड, राष्ट्रीय सहकारी लेखा परीक्षा और लेखा बोर्ड, राष्ट्रीय निर्यात बहु राज्य सहकारी समिति, राष्ट्रीय सहकारी न्यायाधिकरण समेत अन्य शीर्ष संस्थानों के गठन का प्रस्ताव किया गया है।

पाठकों को याद होगा कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सदन में  पैनल का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि ‘सहकार-से-समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए एक सक्षम ईको-सिस्टम बनाने के लिए नई सहकारिता नीति तैयार करने के लिए देश भर के विशेषज्ञों और हितधारकों की एक राष्ट्रीय स्तर की समिति गठित की गई है।

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